आपने अक्सर देखा होगा, आप अपने घर में हैं, किसी दूसरे के घर में अतिथि के रुप में उपस्थित हैं या फिर किसी होटल अथवा रेस्टोरेंट में है, यदि आप भोजन करने वाले हैं तो थाली में दो रोटी रखी हुई मिलेंगी। होटल का वेटर भी पहले से आर्डर की गई तीसरी रोटी अलग से और बाद में लाता है। घर हो या बाजार एक साथ तीन रोटियां थाली में कभी नहीं मिलेंगी। सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है। क्या यह कोई अंधविश्वास है या फिर इस परंपरा के पीछे कोई विज्ञान छुपा हुआ है। आइए पता करते हैं:-
भोजन की थाली में तीन रोटी क्यों नहीं होती: धार्मिक कारण
क्योंकि 3 का अंक दिव्य शक्तियों के लिए आरक्षित है। इसलिए मनुष्यों के लिए वर्जित कर दिया गया है। यही कारण है कि मनुष्य की मृत्यु के बाद त्रयोदशी के पूजन से पहले पुण्य आत्मा के लिए जो भोजन की थाली सजाई जाती है, उसमें 3 रोटी विशेष रूप से रखी जाती है।
भोजन की थाली में तीन रोटी क्यों नहीं होती: अंधविश्वास
दुनिया में सबसे ज्यादा अंधविश्वासी अंग्रेज थे। जिन्होंने भारत पर करीब 200 साल तक शासन किया। इंग्लैंड में आज भी 3, 13, 23 नंबर नहीं होता। सरकारी दस्तावेजों में भी 3, 13, 23 नंबर का कमरा, बंगला और फाइल आदि नहीं होते। वह इन अंको को अशुभ मानते हैं। शायद उनके कारण ही भारत में इन तीनों अंगों को अशोक माना जाता है।
भोजन की थाली में तीन रोटी क्यों नहीं होती: वैज्ञानिक कारण
एक स्वस्थ मनुष्य को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मनुष्य के आहार को संतुलित रखना भी रसोईघर के संचालक (माता, बहन अथवा पत्नी) की जिम्मेदारी मानी गई है। भारत में एक स्वस्थ पुरुष के लिए उसकी थाली में दो रोटी, एक कटोरी दाल, 50 ग्राम चावल और एक कटोरी मौसमी सब्जी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
संतुलित भोजन - ऐसा भोजन जिसमें शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व निश्चित मात्रा में उपस्थित होते हैं संतुलित भोजन कहलाता है।
दो रोटी वाली थाली में, कार्बोहाइड्रेट्स ( रोटी और चावल के रूप में ) प्रोटीन ( दाल के रूप में ) वसा (तेल , घी के रूप में ) विटामिंस और मिनरल्स ( सब्जी और सलाद के रूप में) उपस्थित होते हैं और थोड़ी मात्रा में फाइबरस्
भी उपस्थित होते हैं। जो की एक स्वस्थ मनुष्य के लिए निर्धारित की गई कैलोरीज की आधी मात्रा (1200 कैलोरी) की पूर्ति करती है।
शारीरिक रूप से अधिक श्रम करने वाले व्यक्ति को दिन में दो बार इस तरह की थाली का भोजन करना चाहिए। इसके अलावा सुबह सूर्योदय से 1 घंटे बाद तक हल्का नाश्ता और शाम को सूर्यास्त के बाद लिक्विड डाइट लेना चाहिए। यदि शारीरिक श्रम नहीं करते तो 12:00 बजे और 4:00 बजे वाली 2 थालियों में से एक थाली कम कर देना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
मजेदार जानकारियों से भरे कुछ लेख जो पसंद किए जा रहे हैं
(current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)