जानते तो सभी हैं लेकिन लाइफ इतनी बिजी है कि हर साल याद दिलाना पड़ता है। पिछले 12 महीनों से तो वैसे भी ज्यादातर लोगों के मेमोरी कार्ड में वायरस आ गया है। तो अपन बात कर रहे थे गर्मी के मौसम में कूलर से ज्यादा से ज्यादा ठंडी हवा प्राप्त करने की। आप 1 मिनट में समझ जाएंगे कि कौन सी चार चीजों का ध्यान रखना है।
ठंडी हवा चाहिए तो कूलर को धूप से बचा कर रखें
आपका कूलर हमेशा किसी ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां 24 घंटे की साइकिल में कभी भी धूप नहीं आती हो। यदि कूलर धूप में रहेगा तो सूर्यास्त के बाद भी आपको ठंडी हवा नहीं दे पाएगा। दोपहर के समय तो वैसे भी कूलर पस्त पड़ा हुआ नजर आएगा।
कूलर को वेंटिलेशन पसंद है
यदि कूलर को पर्याप्त वेंटिलेशन मिल जाए तो वह खिल खिला उठता है। फिर वह आपको बिल्कुल वैसी ही ठंडी हवा देता है जैसी अच्छी नींद के लिए आपको जरूरी होती है। पर्याप्त वेंटीलेशन मिलने पर 47 डिग्री टेंपरेचर में भी कूलर कम से कम एक कमरे को बिल्कुल ठंडा कर देता है।
कूलर की खुराक है अच्छी हवा और पानी
आपका कूलर नया हो या पुराना लेकिन वह हमेशा अपनी पूरी शक्ति के साथ आपकी सेवा करता है। यदि आप उसे पर्याप्त खुराक उपलब्ध कराते हैं तो वह भी आपके लिए क्षमता से अधिक काम करके दिखाता है। किसी भी कूलर की खुराक है अच्छी हवा और अच्छा पानी। अच्छी हवा से तात्पर्य की जहां पर कूलर रखा है वहां प्राकृतिक हवा का बहाव मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है। अच्छे पानी से तात्पर्य यह है कि पानी में कचरा नहीं होना चाहिए।
घास बदलना जरूरी है
कूलर में हर साल घास बदलना जरूरी है। कई बार कुछ लोग घास में फंसे हुए कचरे को निकालकर उसे कई सालों तक उपयोग करते रहते हैं। दरअसल घास का काम कचरे को रोकना नहीं है बल्कि पानी के कारण घास ठंडी हो जाती है और इसी घास के कारण ठंडी हवा आपके कमरे के अंदर आती है। घास की अपनी एक उम्र होती है। दो-तीन महीने बाद वह पानी को सोखना बंद कर देती है। इसलिए कूलर में से ठंडी हवा आना बंद हो जाती है।