भोपाल। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अतिथि विद्वान संघ के प्रदेश अध्यक्ष रीतेश दुबे ने बताया कि COVID -19 कोरोना वैश्विक महामारी के चलते शासकीय कार्यालयों में साप्ताहिक कार्य दिवस 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) कर दिया गया है। इस कारण से तकनीकि शिक्षा विभाग के शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं के कार्य दिवस में (शनिवार के दिन) कार्यभार एवं मानदेय गणना को लेकर 31.07.21 तक स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है।
मुख्य समस्या यह है कि पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं को केवल 400/- प्रतिकाल खंड के हिसाब से 1200/- रुपए अधिकतम आवंटित लोड के हिसाब से या न्यूनतम 400/- प्रति लेक्चर के हिसाब से मानदेय मिलता है। इस प्रकार प्रतिमाह प्रत्येक अतिथि व्याख्याता को अधिकतम 5000/- का नुक़सान हो रहा है।
COVID -19 वैश्विक महामारी के दौरान कुछ संस्थाओं में संस्था प्राचार्य के आदेशानुसार अतिथि विद्वानों द्वारा ऑनलाइन क्लास का संचालन महाविद्यालय में उपस्थिति देकर, जब की कुछ संस्थाओं में छात्रों को महाविद्यालय बुलाकर कक्षाओं का संचालन ऑफलाइन माध्यम से किया जा रहा है। इस दौरान अतिथि विद्वानों को कोरोना संक्रमण से जान जोखिम का खतरा होने को लेकर शासन द्वारा जीवन रक्षा नियम को निर्धारित नहीं किया है और न ही इस बात का उल्लेख किया गया है कि आकस्मिक मृत्यु की स्थति में अतिथि विद्वानों के परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।
ज्ञात हो कि विगत 20 वर्षों से पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं द्वारा लगातार फिक्स वेतनमान की मांग की जाती रही है। और कई वार पूर्व तकनीकि शिक्षा मंत्री से लेकर वर्तमान विभागीय मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जी एवं वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों द्वारा फिक्स सैलरी की मांग पूरी किए जाने एवम् जल्द ही आदेश जारी किए जाने हेतु आश्वासन भी दिए गए लेकिन पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के लिए फिक्स सैलरी आदेश आज भी वर्षों से लंबित है।
इस कोरोंना संक्रमण काल में पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ईमेल के माध्यम से भेजकर पत्र आर्थिक तंगी की समस्या का समाधान कर फिक्स वेतनमान, जीवन बीमा आदेश जारी करने की मांग की है।