भोपाल। बालाघाट के जिला चिकित्सालय से गायब हुए 20 ऑक्सीजन सिलेंडर का मामला गर्माता जा रहा है। इधर कलेक्टर ने तहसीलदार और टीआई को किसी भी कीमत पर सिलेंडर खोज निकालने की जिम्मेदारी दी है तो दूसरी ओर लोगों का कहना है कि सिलेंडर चोरी नहीं हुए बल्कि VIP लोगों के घर भेजे गए होंगे। क्योंकि यहां ऑक्सीजन और इंजेक्शन केवल VIP और उनसे संबंधित लोगों को ही मिल रहे हैं। आपातकाल की स्थिति में प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह खुद को निष्पक्ष प्रमाणित करें।
सहायक कलेक्टर दिलीप कुमार ने किया खुलासा
बालाघाट के जिला अस्पताल से ऑक्सीजन के सिलेंडर गायब हो गए हैं इसकी आधिकारिक जानकारी किसी को नहीं थी। जब सहायक कलेक्टर दिलीप कुमार अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे तो औपचारिकता पूरी करने के बजाय उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाना उचित समझा और अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसी दौरान स्टॉक में 20 ऑक्सीजन सिलेंडर कम पाए गए। दिलीप कुमार ने अपना कर्तव्य निभाते हुए गायब हुए सिलेंडर के यूनिक नंबर सहित जांच प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर दीपक आर्य के समक्ष कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया गया है।
जिसके पास सिलेंडर मिले उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई होगी: कलेक्टर
कलेक्टर दीपक आर्य ने जिला चिकित्सालय से ऑक्सीजन सिलेंडर के गायब होने को गंभीरता से लिया है और बालाघाट तहसीलदार व TI को निर्देशित किया है कि वे इन गायब ऑक्सीजन सिलेंडर के यूनिक नंबर से उनका तत्काल पता लगाएं। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि जिस किसी भी व्यक्ति के पास इन यूनिक नंबर वाले गायब ऑक्सीजन सिलेंडर पाए जाएं उन्हें तुरंत जिला अस्पताल वापस लाएं। यह सिलेंडर जिस किसी भी व्यक्ति के पास पाए जाएंगे, उसके खिलाफ FIR दर्ज कर रासुका के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल के कर्मचारी-अधिकारी दोषी पाए गए तो रासुका की कार्रवाई होगी: कलेक्टर
कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिला अस्पताल बालाघाट से ऑक्सीजन सिलेंडर के गायब होने में जिस किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाएगी, उसे तत्काल पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी। उसके खिलाफ भी रासुका के अंतर्गत कार्रवाई की जाएंगी। हालांकि जिला अस्पताल से ऐसे समय में गायब हुए ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर अस्पताल प्रबंधन भी पल्ला झाड़ते नजर आया।