भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाल संप्रेक्षण गृह के 11 कोरोना पॉजिटिव बच्चों को बचाने का प्रयास करते हुए अधीक्षक सज्जन सिंह कठैत खुद कोरोना संक्रमित हो गए। उन्हें जेके अस्पताल में भर्ती किया गया था। 19 अप्रैल 2021 की रात 9:30 बजे सज्जन सिंह कठैत शहीद हो गए।
सज्जन सिंह के लिए भोपाल की हर आंख नम है
संस्था के कोरोना पॉजिटिव बच्चाें के उपचार और शेष बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए अधीक्षक सज्जन सिंह ने अपनी जान की बाजी लगा दी। पॉजिटिव बच्चों को खुशीलाल कोविड केंद्र में भर्ती किया गया। वहां बच्चों ने अनुशासनहीनता दिखाई तो अपनी सूझबूझ और तत्परता से उन्होंने खुशीलाल केंद्र प्रबंधन और बच्चों के बीच कठिन परिश्रम से सामंजस्य भी स्थापित करवाया। जवाहर बाल भवन के संचालक डॉ उमाशंकर नगायच ने कहा कि तीन साल तक उनके साथ काम किया। जैसा उनका नाम था वैसा ही काम था। बेहद ईमानदार व समर्पित, कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। साथ ही बहुत ही भावुक भी थे। हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
बच्चों के हित में कई कार्य किए
वे सुबह से शाम तक बाल संप्रेषण गृह और बच्चों के हित में ही लगे रहते थे। इसके पहले जवाहर बल भवन के सहायक संचालक पद पर और नरसिंहगढ़ में परियोजना अधिकारी रहते हुए श्री कठैत ने कई सराहनीय कार्य किए। नरसिंहगढ़ परियोजना में पीलूखेड़ी में आंगनवाड़ी केंद्र निर्माण से लेकर स्व सहायता समूह की महिलाओं से पूरे विकासखंड की स्कूल ड्रेस बनवाने जैसे कई नवाचार उनके द्वारा किए गए।
प्रकृति से गहरा लगाव था
उन्हें बागवानी का बहुत शौक था। पिछले लॉकडाउन में उन्होेंने अपने गार्डन को सजाने व संवारने में बिताया था। उन्होंने गार्डन में 100 से अधिक गमलों में पौधे लगाए थे। उनका मानना था कि प्रकृति का संरक्षण बहुत जरूरी है। पर्यावरण को प्रदूषण से बचाकर ही कोरोनावायरस जैसे संक्रमण को रोका जा सकता है।