भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने सोशल मीडिया पर धारा 144 लागू कर दी है। उल्लंघन करने वालों को आईपीसी की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। यदि किसी को इस प्रतिबंध से आपत्ति है तो वह CRPC 1973 की धारा 144 (5) के तहत डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
भोपाल में सोशल मीडिया पर क्या कर सकते हैं क्या नहीं
कोरोनावायरस से संबंधित सरकारी प्रयासों का मजाक नहीं उड़ा सकते।
भ्रामक जानकारी अथवा ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते जिनके दो अर्थ निकलते हो।
कोरोना से संबंधित दूसरे शहर के फोटो अथवा वीडियो भोपाल का बताकर वायरल नहीं कर सकते।
कोरोना ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ लोगों को एकत्रित करने की अपील नहीं कर सकते।
कोरोना से संबंधित किसी भी मामले को सांप्रदायिक मोड़ देने की कोशिश नहीं कर सकते।
ऐसी जानकारियां प्रसारित नहीं कर सकते जिससे जनता में भय की स्थिति उत्पन्न हो।
ऐसी जानकारियां (फोटो, वीडियो अथवा सूचनाएं) प्रसारित नहीं कर सकते जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो।
भोपाल में सोशल मीडिया पर धारा 144 क्यों लगाई
पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की मौत के मामले में कई तरह की जानकारियां प्रसारित की जा रही है। पत्रकारों द्वारा किए गए खुलासों में आंकड़ों का फेरबदल किया जा रहा है। जैसे एम्स अस्पताल में 186 डॉक्टरों में से 2 डॉक्टर पॉजिटिव पाए गए थे। जबकि सोशल मीडिया पर 02 के बजाय 102 बताया गया। इसी प्रकार चिरायु अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 60 मरीजों की मौत की जानकारी दी गई। जबकि चिरायु के एमडी अजय गोयंका का कहना है कि उनके यहां किसी भी 24 घंटे की अवधि में 17 से अधिक लोगों की मृत्यु नहीं हुई है।