भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस से संक्रमित 96 ऐसे लोगों की मौत हो गई जो अस्पताल में भर्ती नहीं थे। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार दिनांक 27 मार्च 2021 से लेकर 1 अप्रैल 2021 तक मात्र 6 लोगों की मौत हुई है जबकि श्मशान घाट और कब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार 102 लोगों की मौत हुई है। यानी 96 लोग ऐसे हैं जो महामारी से पीड़ित थे लेकिन या तो अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाए या फिर अस्पतालों ने इन्हें भर्ती नहीं किया। इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई है।
भोपाल में 6 दिन में 102 अंतिम संस्कार, सरकारी रिपोर्ट में सिर्फ 6 मौतें
भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार आनंद पंवार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मध्य प्रदेश की राजधानी में 27 मार्च से 1 अप्रैल 2021 तक 102 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन से किया गया है। इसमें से भोपाल के ही 55 संक्रमितों के शव हैं। अकेले भदभदा विश्राम घाट पर 84 शव लाए गए थे, जिसमें भोपाल के 41 शव थे। यहां रोजाना 14 से 15 शव लाए जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की हेल्थ बुलेटिन के अनुसार इन 6 दिनों में भोपाल में सिर्फ 6 मौतें हुई हैं।
सुभाष नगर और झदा कब्रिस्तान में भी कोरोना से मृत लोगों का अंतिम संस्कार हुआ
भोपाल में भदभदा, सुभाष नगर और झदा कब्रिस्तान में ही कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों का अंतिम संस्कार किया जाता है। तीनों जगहों पर आसपास के जिलों के भी कोरोना संक्रमितों एवं संदिग्धों के शव लाए जाते हैं। 27 मार्च से 1 अप्रैल तक झदा कब्रिस्तान में 9 शव दफनाए गए हैं। इसमें 5 शव भोपाल के थे। सुभाष नगर विश्राम घाट पर 27 मार्च से 1 अप्रैल तक 9 शव का अंतिम संस्कार किया गया है। ये सभी भोपाल के थे।
इस मामले की जांच करना कोई मुश्किल काम नहीं है
इस मामले में कोई पेंच नहीं है। पत्रकार श्री आनंद पंवार के दावे की जांच करना कोई मुश्किल काम नहीं है। श्मशान घाट और कब्रिस्तान के रिकॉर्ड से मरने वालों के नाम एवं पता प्राप्त करके परिवार जनों से सिर्फ इतना पूछना है कि मृत व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया था या नहीं। सरकार जांच नहीं करेगी तो इस मामले का मीडिया ट्रायल होने का खतरा है।