भोपाल। अस्पतालों में बैठे सरकारी भगवान (शासकीय डॉक्टर) जब कोरोनावायरस मरीजों का इलाज करने से मना करने लगे तो पब्लिक ने उन नेताओं के कान पकड़ना शुरू कर दिए जिन्हें वोट दिए थे। सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है। इसमें सभी विधायकों के नंबर लिखे हुए हैं। अपील की जा रही है कि जिसे वोट दिया है, उसकी घंटी बजाओ, उसे जगाने का समय आ गया है।
पूरे भोपाल में एक भी नेता नहीं जो जनता की मदद कर रहा हो
कोविड के बिगड़े हालात ने शहर भर में हाहाकार मचा रखा है। अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन अन्य दवाओं के लिए लोग परेशान हैं। अपनी जरूरत के लिए लोग हर उस द्वार पर दस्तक दे रहे हैं, जहां से उन्हें उम्मीद की किरण नजर आ रही है। लेकिन इसके विपरित राजधानी के विधायकों की मदद वाली भूमिका कहीं नजर नहीं आ रही है। इन परिस्थितियों को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया गया है।
विधायकों को सत्ता पर सवारी के लिए नहीं सेवा के लिए चुना है
बिना किसी संगठन के नाम का उल्लेख किए जारी इस पोस्टर में शहर के कांग्रेस और भाजपा विधायकों के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं। आह्वान किया गया है, अपनी जरूरत के लिए अपने नेताओं की घंटी बजाएं और उन्हें नींद से जगाएं। सोशल मीडिया पर जारी चर्चाओं में ये भी कहा जा रहा है कि हमने जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है, वे सिर्फ सत्ता पर सवार होने के लिए नहीं हैं, बल्कि उनका काम जनता की सेवा करना और उनकी सेवा करना है।
दिग्विजय सिंह के लिए सुनहरा मौका था
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को अपनी राजनीति का नया केंद्र बनाने वाले दिग्विजय सिंह के लिए यह मां को काफी सुनहरा था। उनकी प्रतिद्वंदी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर लापता है। उनकी टीम के लोग जनता की मदद नहीं कर रहे हैं। यदि दिग्विजय सिंह खुद और उनकी टीम के लोग जनता को इंजेक्शन और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मुझे झूठे होते तो काफी कुछ अच्छा हो सकता था। दिग्विजय सिंह के सामने एक मौका था जब वह जनता के नेता बन सकते थे वरना पिछले 15 साल से दिग्विजय सिंह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नेता है। जनता उनका चेहरा देखकर वोट नहीं देती बल्कि उनके खिलाफ खड़े बाहरी और अयोग्य प्रत्याशियों तक को वोट दे देती है।