भोपाल। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा के समर्थक द्वारा तेज आवाज में की गई बातचीत, डॉक्टर का इस्तीफा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संवेदनशीलता के कारण मूल खबर शेष रह गई थी। समाचार यह है कि कोरोनावायरस से पीड़ित युवक की मृत्यु के बाद उसके परिवार के लोगों ने आरोप लगाया है कि बेड खाली कराने के लिए डॉक्टर ने उसकी ऑक्सीजन हटा दी थी। इसी के कारण उसकी मौत हुई है। इससे पहले एक होमगार्ड के परिवार ने भी ऐसा ही आरोप लगाया था। होमगार्ड के परिवार ने भी सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया था।
डॉक्टर लगातार मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने को बोल रहे थे: परिवार का आरोप
मृत युवक के परिजनों ने रविवार दिनांक 11 अप्रैल 2021 को कोलार गेट तिराहा चूनाभट्टी पर शव रखकर प्रदर्शन किया है एवं प्रकरण दर्ज करने की मांग की। परिवार जनों का आरोप है कि डॉक्टर लगातार उन्हें अपना मरीज कहीं और ले जाने के लिए कह रहे थे। जब उन्होंने मरीज को शिफ्ट नहीं किया तो मरीज की ऑक्सीजन हटा दी गई जिससे उसकी मौत हो गई है।
भोपाल में अस्पताल और श्मशान दोनों फुल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की स्थिति यह है कि यहां अस्पताल और श्मशान दोनों फुल है। सरकार ने अस्पतालों में खाली बिस्तर की जानकारी देने के लिए जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, वह रविवार सुबह बताया गया कि किसी भी अस्पताल में कोई बिस्तर खाली नहीं है और शाम तक किसी भी बिस्तर के खाली होने की उम्मीद भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में सिर्फ उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जो नेताओं की सिफारिश लेकर आ रहे हैं। भोपाल के श्मशान घाटों की हालत यह है कि एक दिन में 57 मरीजों के अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किए गए।