भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस के संक्रमण से मौतों का दर्दनाक दृश्य हर रोज सामने आ रहा है। शनिवार को एक महिला अपने देवर की चिता को अग्नि देती हुई दिखाई दी। पूछने पर पता चला कि गुरुवार को उसके पति और शुक्रवार को ससुर की मृत्यु हो गई थी। सभी कोरोनावायरस से पीड़ित थे। घर में अब कोई पुरुष नहीं बचा है। आत्मा की शांति के लिए अंतिम संस्कार जरूरी है। 3 दिन में परिवार के 3 पुरुषों की मौत, कोरोना के कारण यह मंजर भी देखना पड़ा।
भोपाल में शनिवार को 57 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, सरकारी रिपोर्ट में सिर्फ 2
शनिवार को भोपाल के भदभदा विश्राम घाट में कोरोना संक्रमित 34 शव, सुभाष विश्राम घाट में 17 और झदा कब्रिस्तान में 6 शव आए। जिनका कोविड गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ शहर में 57 कोविड संक्रमित मरीजों के शव की चिता जलने वाला यह दृश्य हर किसी को झकझोर देने वाला था। इसके बावजूद सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में भोपाल में 2 ही मौत कोविड के कारण बताई जा रही है।
कोरोना मौतों का आंकड़ा बढ़ने के बाद 30 नए चिता स्थल बनाए जा रहे हैं
भदभदा विश्राम घाट में जहां जमीन समतल कर 30 नए चिता स्थल बनाने की तैयारियां चल रही है। वहीं झदा कब्रिस्तान समिति के अध्यक्ष रेहान अहमद गोल्डन ने बताया कि कब्रिस्तान में अतिरिक्त गड्ढे करके रखे जा रहे है, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों के शव को जल्द से जल्द सुपुर्द-ए-खाक किया जा सके।
भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर देर रात तक अंतिम संस्कार होते रहे
भदभदा विश्राम घाट में कुल 41 मृतक देह का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें से 34 कोरोना संक्रमित, 17 भोपाल के और 17 बाहर के शव थे। आलम यह था कि देर रात तक शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। भदभदा विश्राम घाट समिति के अध्यक्ष अरुण चौहान ने बताया कि दो दिन के अंदर यहां 30 नए चिता स्थल तैयार करने की तैयारी चल रही है।