भोपाल। सरकार की गलत प्लानिंग और गलतफहमी के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इंजेक्शन और ऑक्सीजन के बाद अब भोपाल में फैबिफ्लू दवा की कालाबाजारी शुरू हो गई है। मेडिकल स्टोर पर स्टाफ जीरो कर दिया गया है। भोपाल में फैबिफ्लू केवल ब्लैक में मिल रही है। इसके अलावा ऑक्सीमीटर और कोरोनावायरस मरीजों के लिए उपयोग में आने वाले दूसरे चिकित्सा उपकरण MRP से दोगुने दामों पर बिक रहे हैं।
कटारा मेडिकल स्टोर के संचालक संजीव तिवारी का कहना है कि पिछले करीब पांच दिन से दवा की किल्लत चल रही है। हर दिन 15 से 20 मरीज या उनके परिजन निराश होकर लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 5 कंपनियों की दवा आती है। इनमें एक कंपनी द्वारा उत्पादित दवा की मांग सबसे ज्यादा है।
डिमांड ज्यादा है या फिर कालाबाजारी के लिए दवा की सप्लाई को रोक दिया गया है, इसका पता नहीं चल पाया है क्योंकि सरकार की तरफ से कोई भी एजेंसी दवा की सप्लाई पर निगरानी नहीं कर रही। कुल मिलाकर, कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज और उसके परिजन खुले बाजार में माफिया के रहमों करम पर चल रहे हैं। महामारी से पीड़ित मरीज की जिंदगी या मौत कोई सुनिश्चित नहीं कह सकता लेकिन दवाएं और इलाज उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है।