कर्फ्यू तोड़ने वालों को जेल भेजा जाएगा: कलेक्टर
भोपाल शहर में कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए आयोजित एक मीटिंग के दौरान कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने कहा कि जिस तरह से जिले में संक्रमित नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है उसे देखते हुए संक्रमण की चैन को तोड़ना बहुत जरूरी हो गया है। कलेक्टर ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना कर्फ्यू के आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उपद्रव करने की स्थिति में उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा।
कलेक्टर के कर्फ्यू आदेश पर आपत्ति हो तो क्या करें
यदि किसी व्यक्ति को कलेक्टर द्वारा आईपीसी की धारा 144 के तहत लगाए गए कोरोना कर्फ्यू पर आपत्ति है अथवा घोषित की गई गाइडलाइन में संशोधन चाहते हैं तो सीआरपीसी 1973 की धारा 144 (5) के तहत कलेक्टर कोर्ट में आपत्ति पेश कर सकते हैं। यदि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट आपके तर्कों से सहमत हुए तो आपको कर्फ्यू में छूट दी जा सकती है।
लॉकडाउन: इलाज के इंतजाम के लिए या वायरस के कमजोर होने का इंतजार
1 साल पहले कोरोनावायरस महामारी के आते ही लॉकडाउन इसलिए किया गया था क्योंकि सरकार के पास इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इस साल फिर से वही हालत बने और एक बार फिर उसी प्रकार कर्फ्यू बढ़ाया जा रहा है। सवाल यह है कि लॉकडाउन करके सरकार उतने समय में इलाज का इंतजाम कर रही है या फिर वायरस के कमजोर होने का इंतजार किया जा रहा है। यदि विकल्प नंबर दो सही है तो यह मान लिया जाना चाहिए कि भोपाल में लॉकडाउन अब लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन जाएगा।