बालाघाट। मध्य प्रदेश के सिवनी-बालाघाट संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन द्वारा किए गए एक ट्वीट के बाद पब्लिक भड़क उठी। सांसद ने बताया था कि उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से बात करके दाह संस्कार के लिए लकड़ियों का पर्याप्त इंतजाम करवा दिया है। इसी बात को लेकर समाज में इतनी तीखी प्रतिक्रिया आई कि सांसद को अपना ट्वीट रिमूव करना पड़ा।
सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने ऐसा क्या लिख दिया कि लोग नाराज हो गए
बुधवार को सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने ट्वीट करके बताया कि सिवनी एवं बालाघाट जिले के CCF (वन विभाग) से दूरभाष पर चर्चा कर सिवनी के छिड़िया एवं बालाघाट के गोंगलई सहित अन्य स्थानों पर अंतिम संस्कार के लिए पर्याप्त मात्रा में लकड़ी उपलब्ध कराने निर्देशित किया जिस पर दोनों अधिकारियों द्वारा सहमति दे दी गई है।
ट्वीट के बाद पब्लिक भड़क उठी। लोगों का कहना था कि सांसद का काम मरीजों को इलाज उपलब्ध कराना है। ऑक्सीजन और इंजेक्शन की जरूरत है। श्मशान घाट में लकड़ी नहीं अस्पताल में लकड़ी के बिस्तर की जरूरत है। पब्लिक की प्रतिक्रिया देखने के बाद सांसद ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इसके बाद नया ट्वीट किया, जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय से चर्चा कर कोविड से जुड़ी दवाओं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का आग्रह किए जाने का उल्लेख था।
1 महीने से जनता के बीच नहीं आए सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन
लोगों का कहना है कि 25 मार्च के बाद जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना बेकाबू है। बावजूद पिछले एक महीने में सांसद बिसेन ने न तो जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत जानने की जहमत उठाई, न ऑक्सीजन, बेड समेत अन्य संसाधनों की पूर्ति के लिए प्रयास किए। वे महीने भर से नदारद हैं।
ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां मांगी थी: सांसद ने कहा
वहीं, सांसद डॉ. ढाहसिंह बिसेन का कहना है कि ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां उपलब्ध कराने आग्रह किया था। मानवता के नाते संबंधित अधिकारी से संपर्क कर लकड़ियां उपलब्ध कराईं। मेडिसिन, ऑक्सीजन समेत अन्य सुविधाओं के लिए लगातार उच्च अधिकारियों से संपर्क में हूं। मेरे घर में ज्यादातर सदस्य व ड्राइवर कोरोना संक्रमित हैं, इसलिए अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए घर पर रह कर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने के प्रयास कर रहा हूं।