भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 92 हजार के पार हो गया है। इसमें से 21 हजार 457 मरीज ऑक्सीजन और आईसीयू बेड पर हैं। ऐसे में हर दिन 500 से 600 टन ऑक्सीजन की सप्लाई सरकार के सामने चुनौती बनती जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पतालों के प्रबंधन से कहा है कि ऑक्सीजन की कमी की सूचना कम से कम 6 घंटे पहले दें, ताकि समय पर व्यवस्था की जाए।
कलेक्टरों और कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बुधवार को काेरोना की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि अस्पताल से ऑक्सीजन की मांग 1 घंटे पहले आती है। ऐसी स्थिति में तत्काल इंतजाम करना मुश्किल होता है। दरअसल, ग्वालियर के एक अस्पताल में मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो गई थी। इसकी प्रांरभिक जांच में यह आया था कि अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की डिमांड करने में देरी की थी।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन का ऑडिट किया जाए। अस्पतालों में ऑक्सीजन की मैपिंग शुरू करें। कलेक्टर प्रतिदिन देखें कि कितनी ऑक्सीजन लग रही है? इसके आधार पर चार्ट तैयार करें और मांग निर्धारित करें। दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री को बताया गया था कि सोमवार को प्रदेश में 524 टन ऑक्सीजन की सप्लाई हुई है। जबकि जिलों से आई जानकारी में 437 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति बताई गई थी।
केंद्र का आश्वासन- एमपी को मिलेंगे क्रायोजेनिक टैंकर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा हुई। शाह ने आश्वासन दिया कि प्रदेश को क्रायोजेनिक टैंकर दिए जाएंगे। बता दें कि भारत को सिंगापुर क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर की सप्लाई कर रहा है