भोपाल। मध्य प्रदेश की जनता ने मतदान करके सरकार को चुना था ताकि विपत्ति के समय सरकार उनकी रक्षा करेगी परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरा मध्य प्रदेश कलेक्टरों के हवाले कर दिया। बाजार बंदी से लेकर शादी समारोह तक हर काम के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ रही है।
पढ़िए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा
शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद अप्रैल के महीने से विवाह उत्सव प्रारंभ हो गए हैं। अब 25 और 26 अप्रैल को शादियों के शुभ मूहूर्त हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह आपातकाल है। वैवाहिक कार्यक्रम सीमित संख्या में घर में ही करें, लेकिन इसके लिए शासन-प्रशासन से अनुमति लें। शादियों के लिए अनुमति देने का अधिकार सरकार ने कलेक्टरों काे दिया है। वे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ चर्चा के करके निर्णय लेंगे।
आपातकाल है तो राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए
मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, पूरी तरह से शिवराज सिंह चौहान सरकार के साथ हैं परंतु सोशल मीडिया पर राजनीति की समीक्षा करने वाले आलोचकों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ दिनों से लगातार अपने बयानों में संकटकाल और आपातकाल शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। इंजेक्शन, ऑक्सीजन, कर्फ्यू, अनुमति एक-एक करके नागरिकों के जीवन को प्रभावित करने वाले सारे अधिकार कलेक्टर को सौंप दिए गए हैं। यदि सरकार नागरिकों के जीवन की रक्षा करने और उन्हें सामान्य जीवन देने में असमर्थ हो गई है तो फिर मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए।
दूसरे राज्यों में शादियों के लिए गाइडलाइन
छत्तीसगढ़ - विवाह घर में करने की शर्त पर अनुमति। 10 लोग रह सकेंगे।
दिल्ली - बंद हॉल में 50, जबकि खुली जगह में 200 लोगों को अनुमति।
उत्तर प्रदेश - खुली जगह 200 और बंद हॉल में 100 को अनुमति।
बिहार, राजस्थान, ओडिशा - 200 लोग शामिल हो सकते हैं।
महाराष्ट्र - 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति।