दमोह। मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर प्रोटोकॉल तोड़ चुनाव प्रचार लगातार जारी है। सरकारी आंकड़े भले ही कुछ भी कहते हो परंतु प्रचार के दौरान नेताओं का संक्रमित होना भी लगातार जारी है। मंत्री गोविंद सिंह, दर्जा मंत्री प्रह्लाद लोधी के बाद स्टार प्रचारक जयंत मलैया क्वारंटाइन हो गए हैं। 150 से ज्यादा नेताओं ने लक्षण महसूस होने पर जांच के लिए सैंपल दिया है।
दमोह में सिर्फ भाजपा ही नहीं कांग्रेस नेता भी कोरोना पॉजिटिव
उपचुनाव के दौरान केवल भारतीय जनता पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता भी प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। चुनाव आयोग की वीडियो रिकॉर्डिंग में सब कुछ रिकॉर्ड होना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और विधायक एवं दर्जा प्राप्त मंत्री प्रहलाद लोधी के अलावा रमन खत्री पॉजिटिव मिले हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक एवं पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनकी पत्नी श्रीमती सुधा मलैया दोनों क्वारंटाइन हो गए हैं। जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इधर कांग्रेस पार्टी में मुकेश यादव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई।
कोरोना की दूसरी लहर के लिए जनता नहीं नेता जिम्मेदार
कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पहली बार जब भारत में लॉकडाउन लगाया गया तब ऐतिहासिक रूप से भारत की जनता अनुशासित नजर आई थी। मध्यप्रदेश में पुलिस को लाठी नहीं चलानी पड़ी थी बल्कि लोगों ने कलेक्टर द्वारा धारा 144 के तहत जारी की गई गाइडलाइन का स्वेच्छा से पालन किया था। चेहरे पर से फेस मास्क सबसे पहले नेताओं ने (मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में) उतारा। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन भी राजनीतिक कार्यक्रमों में हुआ। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को फेस मास्क पहनाने में मीडिया और सरकार के पसीने निकल गए थे।
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्र में मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने फेस मास्क नहीं पहना था और पूछने पर कुतर्क भी किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन एवं विधायक श्रीमती रामबाई परिहार ने भी फेस मास्क नहीं पहना था और मीडिया के सामने पहनने से इंकार कर दिया था। जब नेताओं ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया तब जनता ने उल्लंघन करना शुरू किया।