भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी जिला चिकित्सालय (जेपी हॉस्पिटल) स्थित कोविड वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ योगेंद्र श्रीवास्तव मात्र 24 घंटे में पूरे प्रदेश की सुर्खियों में आ गए हैं। एक तरफ सरकार उनकी सराहना कर रही है तो दूसरी तरफ अस्पताल में मृत व्यक्ति के परिजन तिराहे पर लाश रखकर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
चिकित्सा मंत्री ने इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया, मुख्यमंत्री ने स्वागत किया
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा के एक समर्थक द्वारा तेज आवाज में बात करने के बाद डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया था। मध्य प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी को सार्वजनिक रूप से उनसे इस्तीफा वापस लेने का निवेदन करना पड़ा। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी द्वारा भी प्रेस को दी जा सकती थी परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्तिगत रूप से सभी को बताया कि चिकित्सा मंत्री के आग्रह पर डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने इस्तीफा वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री ने इस्तीफा वापस लेने पर डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव का स्वागत किया है।
मृत व्यक्ति के परिजनों ने कोलार गेट पर लाश रखकर प्रदर्शन किया
मृतक के परिजनों ने रविवार सुबह 10.30 बजे कोलार तिराहा कोलार गेट हाउस चुनाभट्टी में शव को सड़क पर रख कर प्रदर्शन किया। मृतक के परिजन सड़क पर बैठ गए और रास्ता जाम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि मृत्यु कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण नहीं हुई बल्कि डॉक्टर लगातार बेड खाली करने के लिए दबाव बना रहे थे। जब परिजनों ने प्राइवेट अस्पताल में जाने से मना कर दिया तो मरीज का ऑक्सीजन मास्क हटा दिया गया। जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि यह हत्या का मामला है। डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।