जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि पिछली सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना 01 अप्रैल 2020 लागू करने की करने की घोषणा की गई थी परंतु अब तक लागू नहीं की गई है। इसके कारण मध्य प्रदेश के 1000000 कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
कर्मचारी संघ ने बताया कि योजना को मूर्त रूप देने के लिए वित्त विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कर्मचारियों, शिक्षकों एवं अध्यापकों को IFMIS सॉफ्टवेयर में कर्मचारी एवं परिवार का विवरण एवं नामांकित विवरण पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे जिसे प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारियों, शिक्षकों एवं अध्यापकों द्वारा पूर्ण कर लिया गया था। सरकार बदलने एवं कोविड-19 महामारी के चलते उक्त योजना को सरकार द्वारा भुला दिया गया। यदि शासन द्वारा स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर दी गई होती तो (Covid-19) कोरोना महामारी की चपेट में आये कर्मचारी एवं उनके परिवार निजी अस्पतालों में अपना कैशलेस इलाज करा सकते थे।
संघ के अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, नन्दु चंसोरिया, बृजेश मिश्रा, आर.के.गुलाटी, अरूण दुबे, विपिन शर्मा, सुधीर पण्डया, बिट्टू आहलोबालिया, उमेश पारखी, विजय सेन, मस्तराम राय, शकील खान, अनिल दुवे, हेमचन्द विश्वकर्मा, राजेश ढीमर, मनोज उपाध्याय, मुमताज अंसारी राकेश खरे, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, धीरेन्द्र सोनी, नितिन शर्मा, मो०तारिख, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, आदित्य दीक्षित आदि ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि कर्मचारियों के लिए घोषित स्वास्थ्य बीमा योजना शीघ्र लागू की जाये ताकि कोविड महामारी के इस दौर में कर्मचारी अपना उनका परिवार ईलाज प्राईवेट अस्पतालों में करा सकें।