जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा (Covid-19) कोरोना महामारी अपनी चरम सीमा में है। कोरोना महामारी के प्रारंभ से ही शिक्षक अपने दायित्वों का निर्वाहन बखूबी कर रहे हैं।
भले ही विद्यालय अपनी पूरी क्षमताओं से साथ संचालित न हो रहे हों किन्तु शिक्षक ऑन-लाईन क्लास तथा मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, शिक्षक अपने इसी दायित्वों को निभाते हुए वह एवं उनका परिवार कोरोना से संक्रमित हो भी रहे हैं तथा कुछ तो अपनी जान भी गवां चुके हैं। कोरोना काल में शिक्षकों की इन्हीं सेवाओं के दृष्टिगत प्रदेश के अन्य फंटलाईन वर्कर्स स्वास्थ्य, पुलिस तथा राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भांती शिक्षकों को भी कोरोना योद्वा का दर्जा दिया जाना चाहिए ताकि शिक्षक अपने आपको उपेक्षित महसूस न करें।
संघ के अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, योगेन्द्र मिश्रा, गोविन्द्र विल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी.गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, राकेश सेंगर, डॉ0 संदीप नेमा, प्रकाश सेन, संतकुमार छीपा, श्रीराम झारिया, देवेन्द्र प्रताप सिंह, इन्द्र कुमार मिश्रा, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, श्याम नारायण तिवारी, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनोज सेन, प्रियांशु शुक्ला, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, आदि ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र.शासन से मांग की है कि प्रदेश के अन्य फंटलाईन कर्मचारियों की भांती शिक्षकों को भी कोरोना योद्वा का दर्जा दिया जावे।