भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार कर्मचारियों के लिए डबल स्टैंडर्ड बनाकर चल रही है। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी तो लगाई जा रही है परंतु वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा। ड्यूटी के टाइम डिपार्टमेंट नहीं देख रहे लेकिन वैक्सीन के टाइम आयु सीमा देख रहे हैं।
उम्र नहीं, कैटेगरी के आधार पर वैक्सीनेशन होना चाहिए
विदिशा के प्रितेश अग्रवाल का कहना है कि वैक्सीनेशन का आधार ही गलत है। वैक्सीनेशन उम्र के आधार पर नहीं बल्कि कैटेगरी के आधार पर लगाए जाने चाहिए थे। सब्जी वाला, दूधवाला, दुकानदार और पत्रकार ऐसी कई श्रेणियां हैं जो नियमित रूप से आम जनता के संपर्क में होते हैं। इनका वैक्सीनेशन पहले होना चाहिए।
अपने ही कर्मचारियों को नहीं बचा पा रही सरकार
सीएम शिवराज सिंह चौहान आम जनता पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगा रहे हैं। जनता प्रोटोकॉल का पालन करें इसके लिए कई तरह के दंड प्रावधान किए जा रहे हैं। इवेंट आयोजित हो रहे हैं इधर जमीनी हालात यह है कि पटवारी से लेकर कलेक्टर तक हर कैटेगरी का शासकीय कर्मचारी कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहा है। पूरे प्रदेश में 500 से ज्यादा शिक्षक संक्रमित हैं एवं उनके परिजन कोरोना का इंजेक्शन के लिए दुकानदार दुकान भटक रहे हैं।