ग्वालियर। कोरोना महामारी कहर बनकर आम लोगों पर टूटी है। पहली बार ऐसे हालात बने हैं कि मुक्तिधाम में शव जलाने के लिए जगह नहीं मिल रही है। कई शहरों में शवदाह के लिए नए स्टैंड बनाने पड़े हैं। इधर, अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे हैं लेकिन उन्हें न तो ऑक्सीजन मिल पा रही है न ही दवाएं।
ग्वालियर में मंगलवार को कोरोना के 1342 नए मरीज मिले और 28 की मौत हो गई। शहर के सबसे बड़े मुक्तिधाम लक्ष्मीगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में मंगलवार को 26 शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हुआ। लगातार मौतों के कारण यहां चिता स्थल के लिए 5 घंटे की वेटिंग चल रही है। सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती राजीव बुधौलिया का सोमवार सुबह साढ़े छह बजे निधन हुआ।
उनके परिजन राजीव शर्मा ने बताया कि निजी एंबुलेंस से शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे। पांच घंटे बाद अंतिम संस्कार हो सका। झांसी निवासी रामलली दुबे का सोमवार को निधन हुआ। पति ओमप्रकाश शव लेकर दोपहर 2 बजे मुक्तिधाम पहुंचे तो बताया गया कि उनका दसवां नंबर है, जो रात्रि आठ बजे आएगा। इसके बाद उन्होंने नकद लकड़ी-कंडे खरीदे और अंतिम संस्कार करवाया। ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों में 842 कोविड बेड हैं, इनमें से 419 भरे हुए हैं। प्राइवेट अस्पतालों के 1742 में से 1077 बेड भरे हुए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए GRMC में 331 बिस्तर और बढ़ाए जा रहे हैं।