ग्वालियर। सरकारी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल इससे बड़ी खबर आ रही है। एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की हत्या की जा रही है। उनके शरीर में से अंग निकाले जा रहे हैं। उनके भतीजे की हत्या करने के बाद आंखे निकाल ली गईं।
जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पशियालिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए अभिषेक सिकरवार के चाचा (अटेंडर) ने बताया कि अभिषेक को कोविड-19 पॉजिटिव आने पर सुपर स्पशियालिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। शाम तक वह पूरी तरह से स्वस्थ था। उसने सब से वीडियो कॉल पर बात की थी। सुबह 6:00 बजे अस्पताल से फोन आया कि अभिषेक की मृत्यु हो गई है।
जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमें अभिषेक का शव नहीं दिया गया। 2-2 घंटे कहकर दोपहर के 12:00 बज गए थे। एक बार तो यह कहा गया कि लिफ्ट खराब हो गई है और अभिषेक का शव लिफ्ट में रखा हुआ है। दोपहर 12:00 बजे जब अभिषेक कश्यप हमें मिला तो हमने उसकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए चेहरा खोलकर देखा। अभिषेक की आंखें नहीं थी। उसके शरीर से ताजा खून बह रहा था। हमने जब डॉक्टरों से संपर्क करना चाहा तो सारे डॉक्टर हमारे सामने से चले गए। हमारे सवालों का किसी ने जवाब नहीं दिया।
अभिषेक सिकरवार के चाचा का कहना है कि उसका चिकित्सकीय तरीकों से मर्डर किया गया है। उसके अंग निकाल दिए गए हैं। सरकारी अस्पताल में मानव अंगों की तस्करी का कारोबार चल रहा है। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के शव PPE KIT में बंद करके दिए जाते हैं। नगर निगम के कर्मचारी अंतिम संस्कार करते हैं। इसलिए किसी को पता नहीं चलता कि शरीर में से कितने अंग निकाल लिए गए।
समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने इस मामले में कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया था। पुलिस का कहना है कि यह मामला मेडिकल का है। डॉक्टर ही बता सकते हैं कि मरीज की आंखों में गड्ढे कैसे हो गए थे।