ग्वालियर। दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर ग्वालियर में काम करने वाले कुछ लड़कों ने एक रैकेट बना लिया है। पिछले साल नकली प्लाज्मा का खुलासा हुआ था इस बार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने का मामला सामने आया है। पूरा रैकेट काम कर रहा है। पुलिस का कहना है कि इस रैकेट का सरगना आशीष शर्मा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देशित किया है कि इस तरह का अपराध करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की जाए।
अस्पताल से रैकेट को बताया जाता है, किसे इंजेक्शन की जरूरत है
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहोड़ापुर स्थित सक्सैना हॉस्पिटल को कोविड सेंटर बनाया गया है। यहां एक कोविड पेशेंट भर्ती है। कोविड पेशेंट के भाई मनीष शर्मा को डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए कहा था। इंजेक्शन कहीं नहीं मिल रहा था। इसी समय मनीष शर्मा के संपर्क में MR आशीष शर्मा आया उसने इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कही। एक इंजेक्शन 12 हजार रुपए में देना तय हुआ। मनीष ने 24 हजार रुपए देकर दो रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीद लिए।
डॉक्टर ने बताया इंजेक्शन तो नकली है
इंजेक्शन की डिलीवरी देने के लिए श्योपुर में रहने वाले कल्याण सिंह परिहार का बेटा छोटू सिंह परिहार आया, जो खुद इंदौर की एक दवा कंपनी का ग्वालियर में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है। जब कोविड पेशेंट का भाई यह इंजेक्शन लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर ने इंजेक्शन को काफी देर तक देखने के बाद नकली होने की बात कही। साथ ही नकली इंजेक्शन से मरीज की जान को खतरा बताया।
पुलिस के साथ मिलकर रणनीति बनाई है, MR छोटू की रफ्तार
डॉक्टर से इंजेक्शन नकली होने का पता लगा तो पेशेंट के भाई ने दलाल को कॉल कर कहा कि उनको इंजेक्शन की अभी जरूरत नहीं है। वह इंजेक्शन वापस कर लें। इस पर छोटू परिहार शुक्रवार दोपहर इंजेक्शन वापस लेने आया था। इधर कोविड पेशेंट के भाई ने पुलिस को पहले ही पूरे मामले की सूचना दे दी थी। जैसे ही छोटू इंजेक्शन लेने पहुंचा बहोड़ापुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि इस रैकेट का सरगना आशीष शर्मा है जो खुद एक प्रतिष्ठित कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है। क्रिकेट के सदस्यों को गिरफ्तार करना बाकी है।