इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कोरोना महामारी के चलते मरीजों के स्वजनों से मनमानी रकम वसूली के प्रति इंदौर प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है। इस संबंध में इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने ऐसे ही लूट करने वालों 30 अस्पताल संचालकों की बैठक बुलाई थी। इस संबंध में प्रशासन को लगातार कई शिकायतें मिल रही थीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न अस्पतालों के संचालकों से कई जवाब तलब किए। बैठक में गलत जानकारी देने वाले अस्पताल संचालकों को वहीं से सीधे थाने भेज दिया गया। कलेक्टर ने एप्पल अस्पताल से मुहैया कराए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन का हिसाब मांगा था। पिछले तीन दिनों में अस्पताल को 217 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए थे। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बैठक में कलेक्टर को इससे संबंधित गलत जानकारी उपलब्ध करवाई।
अस्पताल ऊंचे दामों में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा था। साथ ही वह इसकी कालाबाजारी भी कर रहा था। अस्पताल प्रशासन यह नहीं बता सका कि उसने यह 217 इंजेक्शन अपने यहां किन मरीजों को लगाए। इससे एप्पल अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। इस अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई की गई है और इसे सील करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के तहत मिनेश अस्पताल और साईं अस्पताल को तुरंत बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। यहां पर भारी अनियमितिता पाई गई है।
गौरतलब है कि पिछले साल भी कोरोना महामारी की लहर में अस्पतालों ने मनमानी फीस वसूली थी। इसके बाद प्रशासन ने इन अस्पतालों पर कार्रवाई की थी। साथ ही सरकार ने भी इलाज संबंधित कई दिशा-निर्देश जारी किए थे और सीमित दरें तय कर दी गई थी।