इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में परदेशीपुरा क्षेत्र की 19 वर्षीय सुमन पुत्री दयादत्त यादव का अपहरण करके ले गए आरोपित चचेरे भाई प्रदीप यादव, भाभी ज्योति और जीजा अर्जुन के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की टीम युवती को लखनऊ के परैया गांव से इंदौर लाई और सोमवार को उसके बयान लिए।
टीआइ अशोक पाटीदार के मुताबिक युवती ने बताया 21 अप्रैल की रात करीब 10 बजे आरोपित प्रदीप घर आया और मुंह दबा दिया। विरोध करने पर उसकी पत्नी ज्योति थप्पड़ मारने लगी। इतने में आरोपित जीजा अर्जुन आया और बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद वह बेसुध हो गई। फिर तीनों आरोपितों ने कपड़े से हाथ-पैर बांधे और बोलेरो कार में बैठा दिया। जब होश आया तो लखनऊ के पुरैया गांव में थी। आरोपितों ने देखा होश आ गया है तो एक और इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद आरोपित गांव में चाचा सुनील यादव के पास छोड़कर चले गए। होश आया तो चाचा ने पूरा मामला बताया और इंदौर में पुलिस से बात करवाई। पुलिस टीम लेने आई तो वह उनके साथ इंदौर आ गई। वारदात के बाद से आरोपित फरार हैं, पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
पुलिस ने जानकारी निकाली तो पता चला सुमन को चाचा ने बचपन में ही गोद ले लिया था। चाचा-चाची के निधन के बाद उनकी सवा करोड़ रुपये की संपत्ति युवती के नाम हो गई। इसी कारण चाचा-चाची का बेटा प्रदीप यादव सुमन के साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देता है। प्रदीप का साथ उसकी पत्नी ज्योति और जीजा अर्जुन भी देते। सूचना मिली थी की ये सभी युवती को अगवा कर उत्तर प्रदेश ले गए हैं। तब एक भाई पंकज को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उसने बताया था सुमन की मां बीमार है, इसलिए वे लोग उसे ले गए हैं। इसके बाद टीम तुरंत पुरैया (लखनऊ) रवाना हुई और युवती को इंदौर ले आई।
परदेशीपुरा थाना पर 40 वर्षीय हेमलता पत्नी धर्मेन्द्र राठौर ने 21 अप्रैल को शिकायत की थी कि वह युवती के घर में तीन साल से किराए से रह रही है। सुमन की दोस्त शिवानी ने फोन पर बताया वह फोन नहीं उठा रही है। हेमलता ने सुमन के कमरे में देखा तो वह नहीं मिली। आसपास व रिश्तेदारों के यहां भी फोन करके पता किया, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज किया था।