इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना महामारी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीदी अब मुसीबत बनती जा रही है। खरीदी में लगे कर्मचारियों में से इंदौर संभाग के अलग-अलग जिलों में अब तक पांच की मौत हो चुकी है। इनमें दो इंदौर, दो खंडवा और एक झाबुआ जिले के कर्मचारी शामिल हैं।
यह सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी हैं। साथ ही अलग-अलग जगह करीब 35 कर्मचारी संक्रमित हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। इधर सहकारिता विभाग के उपायुक्त और संयुक्त आयुक्त कार्यालय में भी कई कर्मचारी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और कर्मचारियाें के इस तरह संक्रमित होने से सहकारी विपणन संघ और सहकारिता विभाग के अधिकारी भी चिंतित हैं। हालात ऐसे ही रहे तो खरीदी प्रभावित होगी।
अधिकारियों ने उच्च स्तर पर भी यह बात रखना शुरू किया है। पर किसानों से एमएसपी पर गेहूं खरीदी सरकार की प्राथमिकता में होने से इस पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। दरअसल, खरीदी केंद्रों पर कर्मचारियों, श्रमिकों, हम्मालों और किसानों का आपसी संपर्क होता है। कई खरीदी केंद्रों पर भीड़ भी हो रही है। इस तरह के हालात परेशानी पैदा करने वाले हैं।
इंदौर संभाग में 446 खरीदी केंद्रों पर इस समय गेहूं की खरीदी चल रही है। जब खरीदी होती है तो किसान, हम्माल और कर्मचारी ध्यान नहीं रख पाते कि किसका, कहां कैसे संपर्क हो रहा है। कई किसान और हम्माल मास्क का भी उपयोग नहीं करते हैं। बार-बार सैनिटाइजर का भी उपयोग नहीं होता। शारीरिक दूरी का तो कोई ध्यान नहीं रख रहा है। इस तरह की स्थिति संक्रमण को बढ़ावा दे रही है।