इंदौर। मध्यप्रदेश में सरकार लाचार है और चिकित्सा माफिया इसका पूरा फायदा उठा रहा है। सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एक बेड दिलाने के बदले ₹60000 की मांग की गई। इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शुरुआत में हमेशा की तरह अस्पताल अधीक्षक और प्रशासन ने खबर का खंडन किया परंतु बाद में जब सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने-अपने अनुभव बताना शुरू किया तो मामला दर्ज किया गया एवं एक प्राइवेट कंपनी के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया।
ऑडियो वायरल होने पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने डीआईजी से इसकी जांच की मांग की। हंगामा मचा तो अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को जांच सौंप दी और देर शाम निजी कंपनी के फैसिलिटी मैनेजर गिरिजाशंकर यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। सूत्रों का कहना है कि यादव और उसके साथी मरीज के डिस्चार्ज होते ही नए मरीजों को पीछे के रास्ते से भर्ती कराने लगे थे। इधर, सोशल मीडिया पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला को लेकर कई तरह के आरोप भी लगाए जाने लगे।
30 हजार में बेड बेचने को लेकर भी हुआ था हंगामा
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि 8 अप्रैल को ह्यूमन सिक्योरिटी कंपनी को हाउस कीपिंग, सुरक्षा का ठेका दिया था। कंपनी के 150 कर्मचारी का मैनेजर गिरिजाशंकर यादव है। कुछ दिन पहले जब एक मरीज को डिस्चार्ज किया तो उसने व परिजन ने हंगामा किया कि 30 हजार रुपए देकर बेड लिया था, इतनी जल्दी डिस्चार्ज क्यों कर रहे हो। जिम्मेदारों ने परिजन से नाम पूछे तो उन्होंने चार-पांच नाम बताए, जिसमें यादव भी शामिल था। उस दिन जैसे-तैसे मामला सुलझा।