इंदौर। CORONA के नाम पर काला कारोबार ना केवल शुरू हो चुका है बल्कि खुलेआम किया जा रहा है। राजेंद्र नगर पुलिस थाने की इंस्पेक्टर अमृता सोलंकी ने एक स्टिंग ऑपरेशन करके डॉक्टर, नर्स और एक एमआर को गिरफ्तार किया है। यह लोग ₹35000 में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहे थे। यह गिरफ्तारी राहत की बात है परंतु कालाबाजारी बंद नहीं हुई है। पता नहीं पूरे शहर में कितने शैतान सफेद कोट पहन कर घूम रहे हैं।
रविवार को बापट चौराहा स्थित बारोड़ हॉस्पिटल के ICU में कार्यरत नर्स कविता चौहान, रेमडेसिविर निर्माता कंपनी जेडेक्स में एमआर शुभम परमार (पिता का नाम पुरुषोत्तम परमार) व उसके भाई BHMS डॉक्टर भूपेंद्र परमार (पिता का नाम पुरुषोत्तम परमार) को गिरफ्तार किया गया है। राजेंद्र नगर पुलिस थाने के टीआई अमृता सोलंकी का कहना है कि एक स्टिंग ऑपरेशन करके उन्होंने तीनों को ₹70000 में दो रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हुए गिरफ्तार किया है।
इंस्पेक्टर अमृता सोलंकी ने बताया कि उन्हें इंफॉर्मेशन मिली थी कि नर्स कविता चौहान रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेच रही है। इंफॉर्मेशन को कंफर्म करने के लिए इंस्पेक्टर अमृता सोलंकी ने नर्स कविता चौहान को फोन लगाया और रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने की बात की। जब इंजेक्शन की डिलीवरी देने आई तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मोबाइल में कई लोगों से सौदेबाजी के रिकॉर्ड मिले
एसपी प्रशांत चौबे के अनुसार, इनके मोबाइल से कई सौदेबाजी के रिकॉर्ड मिले हैं। बड़ी गैंग हो सकती है। आरोपियों का दावा है, परिजन के लिए 20 खरीदे थे, इनमें से 2 बच गए थे। कविता का सुराग शनिवार को गिरफ्तार नीलेश चौहान से मिला था।