इंदौर। अप्रैल के महीने में आयोजित होने वाली दो बड़ी परीक्षाओं (नेशनल एप्टीट्यूट टेस्ट इन आर्किटेक्चर (NATA) 10 अप्रैल और JEE Mains 27 अप्रैल ) पर संकट की स्थिति बन गई है। दोनों परीक्षाओं के केंद्र इंदौर में है। आसपास के कई जिलों के विद्यार्थी परीक्षा देने आते हैं। इस साल कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण पेरेंट्स बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं है जबकि परीक्षा की तारीख भी आगे नहीं बढ़ाई गई है। ऐसी स्थिति में हजारों विद्यार्थियों का कैरियर खराब हो जाएगा।
NATA इंदौर में परीक्षा का आयोजन तो नहीं हो पाएगा
परीक्षा के विशेषज्ञों का भी कहना है कि इंदौर जैसे शहर में जहां कोरोना संक्रमण के मामले 700 से ज्यादा आने लगे हैं तो परीक्षा कराने वाली काउंसिल आफ आर्किटेक्चर को इसकी तारीख को लेकर गंभीर चिंतन करने और परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने की सख्त जरूरत है। परीक्षा के विशेषज्ञ कोर्णाक भाटिया का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण पिछली बार हुई नाटा की परीक्षा में भी विद्यार्थी डर के साथ पहुंचे थे। महामारी के कारण विद्यार्थियों का मन भी पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है।
JEE Mains पर संकट, पेरेंट्स चाहते हैं तारीख बढ़ाई जाए
27 अप्रैल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा जेईई का तीसरा चरण होना है। इसमें 10 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर काफी भीड़ रहती है। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाता है। इस परीक्षा को भी आगे बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जेईई मेन आगे बढ़ती है तो इसके चौथे चरण और जेईई एडवांस की तारीख पर भी असर पड़ेगा। परीक्षा लेट होने से प्रवेश लेट होंगे और इसका असर आइआइटी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ सकता है।