जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले मेंकोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं। अस्पतालों में अब नाममात्र का बेड है। उसके लिए भी शोर-सिफारिश लगानी पड़ रही है। 15 अप्रैल को कोरोना संक्रमितों की सरकारी संख्या 724 पहुंच गई। एक अप्रैल को 185 लोग संक्रमित हुए थे। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। चिंता इस बात की कि इसी रफ्तार से मरीज सामने आए तो अगले दो दिनों में उन्हें कहां भर्ती करेंगे।
गुरुवार को कलेक्टर अमला लेकर पूरे शहर में घूमे और मरीजों को भर्ती करने के लिए नया ठौर ढूंढा। हालांकि अभी तय नहीं हो पाया है कि कहां मरीजों को भर्ती किया जाएगा और उनका इलाज कहां होगा।प्रशासन की ओर से गुरुवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक 2570 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। इसमें कुल 724 संक्रमित मिले। वहीं 8 लोगों ने बीते 24 घंटे में दम तोड़ा। हालांकि श्मशान घाटों में 60 लाशें जलीं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 24 हजार 946 पर पहुंच चुकी है। वहीं कुल मौत का आंकड़ा भी 311 हो गया है। जिले में 4614 एक्टिव केस और 2082 केस हो गए हैं। जिले में अब भी 20 कंटेनमेंट जोन एक्टिव है।
कोरोना के संक्रमण और मौत के बीच अस्पताल संचालकों की संवेदना मरती जा रही है। गुरुवार सुबह होशंगाबाद निवासी हजारीलाल मंडल की कोरोना से मौत हो गई। वे तीन मार्च से शहर के स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती थे। पत्नी गुला मंडल के मुताबिक उन्होंने 2 लाख 50 हजार रुपए जमा कराए थे। उनके पति की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधक ने शव को बंधक बना लिया। वे 1 लाख 25 हजार रुपए और मांग कर रहे थे। बेटे के साथ परेशान गुला मंडल ने कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर 8889288717 पर पीड़ा सुनाई। नोडल अधिकारी सृष्टि प्रजापति ने तहसीलदार संदीप जायसवाल को तत्काल मौके पर भेजा। तहसीलदार ने शव को मुक्त कराते हुए नगर निगम के वाहन से तिलवारा घाट भिजवाया और अंतिम संस्कार कराया।