जबलपुर। मध्य प्रदेश में जबलपुर GRP की बड़ी लापरवाही सामने आई है। चोरी के मामले में पकड़े गए दो आरोपियों को एक ही हथकड़ी लगा दी, जबकि एक आरोपी की रिपोर्ट संक्रमित थी। दो पुलिसकर्मी पीपीई किट पहन कर दोनों को थाने से 2 किमी तक पैदल सेंट्रल जेल ले गए। बाद में सफाई में कहा कि गाड़ी खराब हो गई थी, इसलिए पैदल ले जाएगा।
GRP ने मोबाइल चोरी के मामले में खितौला निवासी दाे आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार किया था। दोनों को कोर्ट पेश किया गया। कोर्ट से दोनों का कोविड टेस्ट कराकर जेल दाखिला का वारंट जारी कर दिया गया था। GRP की ओर से सोमवार को दोनों आरोपियों का जिला विक्टोरिया अस्पताल में एंटीजन टेस्ट कराया गया। प्रधान आरक्षक नन्हें लाल के मुताबिक वहां एक आरोपी संक्रमित मिला। वहीं दूसरा निगेटिव था। इसके बाद दोनों को जीआरपी थाने ले जाया गया था।
दोनों आरोपियों को GRP के हेड कांस्टेबल नन्हेलाल और एक अन्य सिपाही पीपीई किट पहन कर जेल में दाखिला कराने पैदल निकल पड़े। एक संक्रमित और एक निगेटिव आए आरोपी को एक ही हथकड़ी में साथ-साथ लेकर निकले। कोविड संक्रमित आरोपी को इस तरह पैदल बीच बाजार से जाते हुए जिसने भी देखा, वो जीआरपी की इस लापरवाही से सन्न रह गया।
हेड कांस्टेबल नन्हेलाल ने कारण बताया कि थाने की गाड़ी खराब हो गई थी। दूसरे वाहन का इंतजाम करने के सवाल पर कहा कि इसके बारे में डे-अफसर व टीआई ही कुछ बता सकते हैं। हमें तो अनुशासन में जो आदेश मिला, उसका पालन कर रहे हैं। हालांकि संक्रमित और निगेटिव को साथ-साथ ले जाने का जवाब नन्हेलाल नहीं दे पाए।
इस मामले में GRP टीआई सुनील नेमा ने कहा कि आरोपियों में एक नागपुर में था। वहां कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। जेल दाखिल करने से पहले कोविड टेस्ट जरूरी है। RTPCR कराने के लिए दोनों को विक्टोरिया भेजा गया था। अब वहां से रिपोर्ट जेल प्रशासन को मिलेगा। अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से दोनों पुलिस कर्मियों को पीपीई किट में भेजा गया था।