जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में ऊर्जा विभाग ने जिन बिजली कर्मियों के लिए अस्पताल की सुविधा दी थे संकटकाल में उन्हें वहीं पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। विभाग ने कोरोना संक्रमण में अस्पताल की कमान प्रशासन को क्या सौंपी बिजली कर्मियों की परेशानी कम होने की बजाए और बढ़ गई।
कर्मचारी रामपुर स्थिति स्वास्थ्य केंद्र को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करना चाहते हैं लेकिन डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। कंपनी प्रबंधन भी इस संबंध में प्रशासन से चर्चा कर रहा है लेकिन वहां से भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है। दरअसल पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के रामपुर स्थित चिकित्सालय को प्रशासन के अधीन करने के निर्देश के साथ ही यहां कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही यहां कोविड मरीजों का इलाज हो सके इसके लिए आवश्यक उपकरण तक लगाने कहा गया है। इतना ही नहीं पिछले दिनों बिजली कंपनी ने जरूरी उपकरणों की खरीदी करने 11 लाख 68 हजार रुपए भी आवंटित किए हैं, ताकि बिजली कर्मचारियों को भटकना न पड़े और प्राथमिकता के आधार पर यहां इलाज हो सके। इतना करने के बावजूद रामपुर स्थित अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त नहीं बनाया जा रहा है। यहां सिर्फ ओपीडी चल रही है।
ऊर्जा विभाग द्वारा इस अस्पताल को प्रशासन के अधीन किए जाने के बाद प्रशासन द्वारा यहाँ सुविधा मुहैया कराई जाने की बजाय यहां काम करने वाले अमले को अन्य कोविड केयर सेंटर में सेवा देने के लिए भेज दिया। अब उन्हें वापस नहीं बुलाया जा रहा है। बाद में कर्मचारी संगठनों ने इस व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की तो कंपनी प्रबंधन ने ताला खोलकर ओपीडी शुरू करवाई। यूनाइटेड फोरम के एसके पचौरी, अशोक जैन, सुनील कुरेले का कहना है कि बड़ी संख्या में विद्युत कर्मी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में उन्हें अपने ही अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। कंपनी प्रबंधन को प्रशासन के साथ बैठकर इस मसले पर जल्द समाधान खोजना चाहिए।