ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय के मेडिसिन आईसीयू सहित अन्य अस्पतालों में शुक्रवार की शाम ऑक्सीजन खत्म हो जाने अफरा-तफरी मच गई। जेएएच के मेडिसिन आईसीयू में मरीजों को आनन-फानन में मुख्य भवन (पत्थरवाली बिल्डिंग) में शिफ्ट किया गया।
JAH में कुल 60 मरीज थे। इनमें से 52 को शिफ्ट किया गया। इनमें से कुछ को ऑक्सीजन सुविधा वाली एंबुलेंस मिली तो कुछ को परिजन अंबु बैग के सहारे ले गए। शहर में सरकारी और निजी 80 अस्पताल हैं। इनमें रोजाना 3 हजार सिलेंडर ऑक्सीजन की खपत होती है। इन अस्पतालों में 2055 मरीज भर्ती हैं। इनमें 1009 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
जेएएच के मेडिसन आईसीयू में ऑक्सीजन का लेबल कम होने की खबर डॉक्टरों के ग्रुप में शाम 5 बजकर 21 मिनट से चल रही थी। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। हालात जब ज्यादा बिगड़ने लगे तो रात 10 करीब यानी, साढ़े चार घंटे बाद मरीजों को पत्थरवाली बिल्डिंग में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया। यहां कुल 60 मरीज भर्ती थे। इनमें से 52 कोे शिफ्ट कर दिया गया, जबकि 7 देर रात तक वहीं थे। बाकी दो मरीजों की ऑक्सीजन न मिलने से मौत हुई।
जिला अस्पताल मुरार में शाम को सिर्फ 1 सिलेंडर बचा था। मरीज के परिजनों की सूचना पर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल व एसडीएम पुष्पा पुषाम ने 20 सिलेंडर मंगाए।
सिटी सेंटर स्थित परिधि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने वाली थी। वहां से मरीजों को शिफ्ट किए जाने की सूचना फैल गई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक प्रवीण पाठक व पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने यहां एमके एयर प्रॉडक्ट पर बात करके 10 सिलेंडर भिजवाए।
जिला न्यायालय भवन के पास की गली में स्थित सराफ हॉस्पिटल में शाम को ऑक्सीजन का संकट हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया।
लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित माहेश्वरी नर्सिंग होम में दोपहर बाद से ऑक्सीजन की कमी होने पर मरीजों से खुद इंतजाम करने के लिए कहा गया।
झांसी रोड स्थित सुविधा हॉस्पिटल में मरीजों को डिस्चार्ज किया जाने लगा। यहां के 2 मरीज सुपर स्पेशलिटी में जाकर भर्ती भी हुए।