हमने आपको बताया था कि किसी भी अपराध के लिए न्यायालय तीन प्रकार के दण्ड का प्रावधान करता है। आज इन तीनो में से जो दण्ड सबसे कम दण्ड का प्रावधान होता है वो है जुर्माना अगर किसी व्यक्ति का अपराध ऐसा है कि उसे मात्र जुर्माने से दाण्डित किया गया है तब ऐसे में वह न्यायालय द्वारा जो जुर्माना लगाया गया था उसे नहीं भरता है तब क्या सजा का प्रावधान होगा जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 67 की परिभाषा:-
किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा अगर उसके अपराध के लिए सिर्फ जुर्माने से दाण्डित किया गया है और वह व्यक्ति न्यायालय द्वारा लगाए गए जुर्माने को नहीं भरता है या डिफॉल्ट हो जाता है तब ऐसे स्थिति में न्यायालय निम्न प्रकार की सजा का प्रावधान करेगा:-
1. जुर्माना 50 रुपये से अधिक न होने पर दो मास से ज्यादा कारावास नहीं होगा।
2. जुर्माना सौ रुपये से अधिक न होने पर कारावास 4 माह से अधिक नहीं होगा।
3. जुर्माना 100 रुपये से अधिक होने पर कारावास की सजा 6 माह से अधिक नहीं होगी।
अर्थात- कोई व्यक्ति निर्वाचन के सिलसिले में झूठे आरोप लगता है या कोई व्यक्ति निर्वाचन का लेखा जोखा रखने में असफल होता है तब इन अपराध के लिए न्यायालय द्वारा सिर्फ जुर्माना लगाया जाता है। ऒर व्यक्ति इस अपराध के अंतर्गत लगाए गए जुर्माने को नहीं भरता है तब उपर्युक्त धारा- 67 के अंतर्गत दाण्डित होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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