मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में सिपाही हरेन्द्र पुत्र सौदान सिंह जाट (24) ने शनिवार-रविवार की रात डेढ़ से दो बजे के बीच आत्महत्या कर ली। रविवार की सुबह 7.30 बजे हरेन्द्र का शव ट्रैफिक पुलिस थाने के पुराने दफ्तर परिसर स्थित एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला। फोरेंसिक लैब की टीम सुबह 9 बजे जब घटनास्थल का अवलोकन कर रही थी, उस दौरान पंखे में बंधी रस्सी टूटी और सिपाही का शव जमीन पर गिर पड़ा। यह देख मौके पर मौजूद पुलिस अफसर घबरा गए।
मौके की जांच के दौरान एफएसएल अधिकारी डाॅ. अर्पिता सक्सेना ने पाया कि मृतक सिपाही हरेन्द्र के दोनों हाथ रस्सी से बंधे हैं और ब्लैक मास्क के पीछे मुंह के अंदर कपड़ा भरा है। घटनास्थल पर पाया गया कि 8 फीट ऊंचाई के कमरे में 6 फीट से ज्यादा लंबाई का सिपाही फांसी की स्थिति में मिला। हरेन्द्र के हाथों में रस्सी कैसे बंधी या बांधी गई... मुंह के अंदर कपड़ा क्यों था, ये दोनों तथ्यों पर जांच शुरू की गई है। सिपाही हरेन्द्र के लोअर में से उसके दो मोबाइल मिले हैं, उन्हें जब्त कर काॅल डिटेल निकाली जा रही है ताकि मौत से पहले की बातचीत के आधार पर घटना से जुड़े तथ्यों को ट्रेस किया जा सके। देर शाम सिपाही का सुसाइड नोट भी मिल गया।
वो आत्महत्या नहीं कर सकता
मथुरा से मुरैना आए सौदान सिंह जाट ने रविवार की दोपहर 12 बजे अपने मृत बेटे हरेन्द्र के हाथ बंधे व मुंह में कपड़ा ठुंसा देखा तो चीख-चीखकर कहने लगे कि मेरे शेर बेटे को किसी ने मार डाला। वह साहसी था। आत्महत्या नहीं कर सकता था उसके साथ कुछ गलत हुआ है। मेरा नौकरी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंसपेक्टर पर भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था। 9 अप्रैल को हरेन्द्र ने घर फोन लगाकर मुझसे और अपनी मां से बात की थी। उस दिन बेटा खुश था और दाे दिन बाद चार दिन की छुट्टी पर घर आने वाला था। वह अपनी तरक्की के लिए यूपी पुलिस में एसआई बनने की तैयारी कर रहा था।
ट्रैफिक पुलिस के सिपाही नरेश का कहना है कि उसके दोस्त हरेन्द्र जाट की ड्यूटी अक्सर ट्रैफिक पुलिस की मोबाइल वैन में रहती थी। लॉकडाउन के कारण शुक्रवार को उसकी ड्यूटी मोबाइल वैन से बदलकर पाइंट पर लगा दी गई। इससे हरेन्द्र परेशान था। शनिवार को हरेन्द्र ने सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक जिला अस्पताल के पाइंट पर ड्यूटी की। बाद में उसे ट्रैफिक थाने बुलाकर शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक बैरियर चौराहे पाइंट पर ड्यूटी करने के लिए कह दिया था। शनिवार रात 11 बजे हरेन्द्र ड्यूटी करके ट्रैफिक थाने आ गया और उसने थाने में क्रिकेट मैच देखा। बाद में वह अपने निवास की तरफ चला गया। रविवार की सुबह 7.30 बजे उसका शव मंदिर के बगल वाले कमरे में फंदे पर लटका पाया गया।
ट्रेफिक सूबेदार की दलील है कि शनिवार-रविवार की रात 1.30 बजे हरेन्द्र अपने निवास के कमरे से एक कुर्सी ले जाता दिखाई दे रहा है वह कुर्सी सुसाइड स्थल पर मिली है। इससे जाहिर है कि उसने किसी कारणवश फांसी लगा ली। रविवार की सुबह पुलिस ने कमरे से सिपाही का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। लेकिन तब तक सुसाइड नोट नहीं मिला था। शाम को सुसाइड नोट मिला है। सिपाही ने इसके संबंध में अपने एयरफोर्स में पदस्थ भाई को मैसेज भेजा था। उस मैसेज में लिखा था कि भैया, मुझे माफ करना, साथियों से परेशान हूं, मेरा सुसाइड नोट कमरे की डायरी में रखा है। इस मैसेज के आधार पर पुलिस ने सुसाइड नोट ढूंढा।
सिपाही हरेन्द्र जाट का शव रविवार की सुबह फांसी पर लटका मिला है। उसके हाथ बंधे थे और मुंह के अंदर कपड़ा था। इस मामले की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई तय की जाएगी। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
सुनील पांडेय, पुलिस अधीक्षक मुरैना