भोपाल। जब सरकार असफल हो जाती है तो जनता जान बचाने के लिए अपने तरीके से काम करना शुरू कर देती है। बालाघाट में ऐसा ही हुआ है। लालबर्रा के ग्रामीणों ने चंदा करके 30 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदी और खाली पड़े हॉस्टल को कोविड-19 सेंटर बना दिया। एक डॉक्टर जो इस प्लानिंग में शामिल है, रोज मरीजों की जांच करने आता है। यह कहानी है निश्चित रूप से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की तस्वीर बयां करती है परंतु सवाल यह है कि फिर इस गांव के लोगों को सरकार की जरूरत ही कहां रह गई।
कुछ दिन पहले गांव के एक व्यवसायी की बेटी कोरोना संक्रमित हो गई। उसे बालाघाट जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां बड़ी परेशानी के बाद उसे भर्ती कराया जा सका। यह बात सभी ग्रामीणों को भी पता चली। ऐसे में गांव के डॉक्टर अरुण लांगे की पहल पर सभी ग्रामीणों ने कोविड केयर सेंटर शुरू कर दिया।
ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ग्रामीणों ने आपस में चंदा करके 30 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीद लीं। अब हर बिस्तर के साथ एक ऑक्सीजन मशीन रखी हुई है। राहत की बात है कि 30 बिस्तर वाले इस सेंटर पर अभी तक कोई मौत नहीं हुई है। महज 10 हजार की आबादी वाले इस गांव में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ग्रामीण एकजुट हो गए है। सरकार को चाहिए कि इस गांव पर लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स माफ कर दिया जाए।