भोपाल। मध्य प्रदेश में सीबीएसई की तरह एमपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर सालाना परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग में इस विषय पर तेजी से काम चल रहा है। विशेषज्ञों से परामर्श ले रहे हैं। रिवीजन टेस्ट और अर्धवार्षिक परीक्षा के नंबरों के आधार पर आंतरिक मूल्यांकन करके विद्यार्थियों को नंबर देने के फॉर्मूले पर विचार किया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों ने रिवीजन टेस्ट और छमाही परीक्षा ली है। माशिम से संबद्ध निजी स्कूलों से यह जानकारी बुलाई जा रही है कि क्या उन्होंने अपने यहां छमाही परीक्षा और रिवीजन टेस्ट लिए हैं या नहीं। अगले दो-तीन दिन में विभाग इस बारे में निर्णय ले सकता है। सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. आशीष चटर्जी का कहना है कि हमारे संगठन से 10,000 से ज्यादा स्कूल जुड़े हैं, ज्यादातर ने अर्धवार्षिक परीक्षा और टेस्ट लिए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने एमपी बोर्ड की 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा का आंतरिक मूल्यांकन रिवीजन टेस्ट और छमाही परीक्षा के आधार पर ही तय किया है। एक दिन पहले ही आयुक्त लोक शिक्षण ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए हैं। शैक्षणिक विश्लेषक रमाकांत पांडे का कहना है कि प्रदेश में निजी और सरकारी मिलाकर 26,000 से ज्यादा हाई स्कूल हैं, इनमें 11 लाख से ज्यादा रेगुलर और प्राइवेट विद्यार्थी दसवीं की परीक्षा में शामिल होते हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते अभी रिजल्ट को लेकर मंथन कर रहे हैं। फाइनल कुछ नहीं है, जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
-इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री, मप्र