इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित करवाई गई ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा में कई स्टूडेंट्स ने ऐसे ऐसे कारनामे किए कि उनका रिजल्ट रुक गया। कुछ आंसर शीट ऐसी मिली जिन्हें एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा लिखा गया था तो कई मामले ऐसे मिले जिनमें एक आंसर शीट को कई स्टूडेंट्स ने अपने रोल नंबर के साथ अपलोड कर दिया। कुछ स्टूडेंट्स ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गजब किया। उन्होंने किसी दूसरे की आंसर शीट की फोटो कॉपी स्कैन करके अपलोड कर दी। कुल मिलाकर घर बैठे खुली किताब से नकल करके भी परीक्षा नहीं दी। अब ऐसे सभी स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोका जा रहा है।
आंसर शीट अपलोड करने के लिए 1 घंटे का समय दिया था
कोरोनाकाल में परीक्षा करवाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने ओपन बुक और आनलाइन पद्धति का विकल्प खोजा था। ताकि विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाया जा सके। यह व्यवस्था विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए बनाई गई थी लेकिन स्टूडेंट्स ने ओपन बुक से नकल करके भी उत्तर पुस्तिका नहीं लिखी। एक उत्तर पुस्तिका को कई स्टूडेंट्स ने स्कैन करके अपलोड कर दिया। मार्च में बीएएलएलबी, बीकॉम एलएलबी, बीबीएएलएलबी, एलएलबी और एलएलएम के अलग-अलग सेमेस्टर की आनलाइन परीक्षा ली। जहां विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय और कॉलेज की वेबसाइट पर पेपर अपलोड किए गए। पेपर हल करने के लिए तीन घंटे का समय दिया, जबकि एक घंटे के भीतर कॉपी स्कैन कर अपलोड करना था या विद्यार्थियों को मूल्यांकन केंद्र में कॉपी जमा करवानी थी। सभी कोर्स में लगभग दस हजार से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए।
16 मार्च बाद कॉपियां जांचने के लिए मूल्यांकनकर्ताओं को दी गई। दस दिन बाद कुछ शिक्षकों में विश्वविद्यालय को मौखिक शिकायत की, जिसमें कुछ विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने अपनी हैंडराइटिंग में लिखे। बाकी पेज पर किसी दूसरे की हैंडराइटिंग थी। बताने की जरूरत नहीं की एक आंसर शीट को एक से अधिक लोगों ने लिखा। इतना ही नहीं एक आंसर शीट को कई स्टूडेंट्स में अपलोड कर दिया। अधिकारी के मुताबिक परीक्षा खत्म होने के बाद कुछ छात्र-छात्राएं आए थे, जिन्होंने गलती से अपनी दोस्त की कॉपी अपलोड कर विवि को आनलाइन भेजना बताया।
सूत्रों के मुताबिक कुछ विद्यार्थियों ने एक जैसे जवाब लिखे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय ने मूल्यांकनकर्ताओं को जिन कॉपियों में गड़बड़ी मिलने पर रिमार्क लिखने के निर्देश दिए है। सभी विद्यार्थियों की कॉपी जांचने के बाद विश्वविद्यालय इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेगा। तब तक विद्यार्थियों का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।
एक साथ अपलोड की दो-दो कॉपियां
आनलाइन परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय ने कुछ नियम बनाए थे, जिसमें पेपर होने के बाद विद्यार्थियों को घंटेभर में कॉपी अपलोड व मूल्यांकन केंद्र में जमा करना था। मगर कुछ विद्यार्थियों ने पेपर खत्म होने के बाद कॉपी नहीं भेजी। बल्कि अगला पेपर देने के बाद दोनों विषय की कॉपी एक साथ अपलोड कर दी। ऐसे मामलों में विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है कि जिस विषय की कॉपी देरी से भेजी है। उसमें विद्यार्थी की अनुपस्थित मानी जाएगी। मामले में मूल्यांकन केंद्र को इन गड़बड़ियों पर एक रिपोर्ट मांगी है, जिसमें विद्यार्थी का नाम और रोल नंबर बताना होगा।
घंटेभर में मिल जाते है जवाब
ओपन बुक पद्धति से हुई बीएड-एमएड की परीक्षा में भी कुछ गड़बड़ियां मूल्यांकनकर्ताओं ने पकड़ी है। एक मूल्यांकनकर्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जैसे ही सभी विषय के पेपर अपलोड हो जाते हैं। वैसे ही घंटेभर में सही जवाब विद्यार्थियों तक पहुंच जाते हैं, जिसमें उक्त प्रश्न का जवाब किस पन्ने पर लिखा है। ये बताया जाता है। गड़बड़ी तब पकड़ाई में आई जब कई विद्यार्थियों की कॉपियों में एक-जैसे जवाब लिखे मिले।
विद्यार्थियों को बुलाकर कॉपियां की जांच की जाएगी
मूल्यांकनकर्ताओं ने परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ी के बारे में बताया है। ऐसी कॉपियों के बारे में रिमार्क लिखकर मूल्यांकनकर्ताओं को गड़बड़ी का उल्लेख करने के निर्देश दिए है। ताकि विद्यार्थियों को बुलाकर इन कॉपियां की जांच की जाएगी। तब तक इन विद्यार्थियों के रिजल्ट रोके जाएंगे।
- डा. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी