भोपाल। कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में एक बार फिर सरकारी कागज झूठ बोलते नजर आए। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया कि पिछले 24 घंटे में पूरे मध्यप्रदेश में 104 नागरिकों की मौत हुई जबकि भोपाल के भदभदा विश्राम घाट का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि यहां 100 चिताएं जलाई गईं।
ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर उपलब्ध नहीं करवा पा रही सरकार
महामारी के संकटकाल में जनता सरकार से सिर्फ दो काम चाहती है। ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन। बेड की चिंता नहीं है। लोग नीम के पेड़ के नीचे ऑक्सीजन लगवाने के लिए तैयार है। बावजूद इसके अस्पतालों के बाहर नोटिस लगाकर इलाज करने से मना किया जा रहा है और सरकार एवं चुने हुए जनप्रतिनिधि ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध करा पाने में असफल साबित हो रहे हैं। एक लोकतांत्रिक देश में आपदा और आपातकाल के समय नागरिकों की रक्षा करना सरकार का पहला कर्तव्य होता है। लोग करोड़ों के टेंडर जारी करने के लिए सरकार का चुनाव नहीं करते।
अस्पतालों में सिर्फ सिफारिश वालों की भर्ती
सरकारी अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता है, वहां केवल वीआईपी और वीआईपी की सिफारिश वालों को भर्ती किया जा रहा है। कुछ भी छुपा नहीं है। सोशल मीडिया पर हर बात के वीडियो वायरल हो रहे हैं। अस्पताल में नोटिस लगा है, आम आदमी को भगाया जा रहा है लेकिन एंबुलेंस से वीआईपी की सिफारिश पर आए हुए लोगों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे दृश्य आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश में दिखाई देते हैं।