भोपाल। मध्यप्रदेश में हालात बेकाबू हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 6489 नागरिक पॉजिटिव मिले हैं जबकि उन 37 लोगों की मौत हो गई जो सरकारी रिकॉर्ड में कोविड-19 पॉजिटिव थे और किसी ऐसे अस्पताल में भर्ती थे जहां से मरीजों की मृत्यु की जानकारी शासन तक नियमित रूप से भेजी जाती है। सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि ताजा रिपोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 16.9% बताया गया है। जो कि सामान्य से 15% अधिक है। सरकार ने लॉक डाउन का नाम बदलकर पहले कोरोना कर्फ्यू किया और अब उसे जनता कर्फ्यू के नाम पर प्रचारित किया जा रहा है। नाम कुछ भी हो परंतु आम नागरिकों का जनजीवन एक बार फिर अस्त व्यस्त हो गया है।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 12 APRIL 2021
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 12 अप्रैल 2021 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
38306 सैंपल की जांच की गई।
514सैंपल रिजेक्ट हो गए।
31817 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
6489सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
16.9% आज का पॉजिटिविटी रेट।
37 मरीजों की मौत हो गई।
3117 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 300634
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 4221
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 301762
आज दिनांक 12 अप्रैल 2021 को संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 38651
MADHYA PRADESH COVID19 UPDATE NEWS 12 APRIL 2021
लगभग 6500 में से 1000 पॉजिटिव अकेले इंदौर में मिले हैं।
हालात भोपाल के भी अच्छे नहीं है। 800 पॉजिटिव मिले हैं।
जबलपुर 669 और ग्वालियर 497, आंकड़ा देखकर लगता है जैसे वायरस का ब्लास्ट हुआ है।
उज्जैन 212, रतलाम 130, सागर 165, बैतूल 128, रीवा 107, विदिशा 140, नरसिंहपुर 138, बड़वानी 118, बालाघाट 145, कटनी 188, झाबुआ 127 और राजगढ़ 118 ऐसे जिले हैं जो बहुत तेजी से ग्वालियर और जबलपुर जैसी स्थिति में पहुंचने वाले हैं।
मध्य प्रदेश में 6 जिले ऐसे हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 1000 से ज्यादा हो गई है। यानी इन 6 जिलों में आम नागरिकों का घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है और अनुमान लगाया जा सकता है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए यह लंबे समय तक कर्फ्यू लगा रहेगा।
मध्य प्रदेश में 12 जिले ऐसे हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से ज्यादा हो गई है। यानी इन जिलों में भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाना बेहद खतरनाक हो गया है। यदि प्रशासन ने जिले में भीड़ एकत्रित होने से नहीं रोका तो यहां भी ब्लास्ट हो जाएगा।