भोपाल। मध्यप्रदेश में खतरनाक संक्रमण वाले जिलों की संख्या मात्र 24 घंटे में 27 से बढ़कर 29 हो गई। और संक्रमण से सुरक्षित जिलों की संख्या 8 से घटकर 6 रह गई है। सरकार की नाम की चीज नजर नहीं आ रही है। भोपाल में रेडमेसिवीर इंजेक्शन की जगह कोई दूसरा सामान्य इंजेक्शन, ग्वालियर में नकली इंजेक्शन, जबलपुर में ऑक्सीजन बंद, विदिशा में अस्पताल की सीढ़ियों पर महिला की मौत, सीहोर में अस्पताल का दरवाजा बंद और पुलिस तैनात। इस सबके बीच कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के अंगों की तस्करी का आरोप भी सामने आया है जिसकी जांच नहीं करवाई जा रही है।
मध्य प्रदेश में सबसे खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या 29
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, खरगोन, रतलाम, बैतूल, रीवा, विदिशा, बड़वानी, सतना, होशंगाबाद, शिवपुरी, कटनी, बालाघाट, शहडोल, झाबुआ, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, मुरैना, शाजापुर, दमोह, सिंगरौली, सीधी, टीकमगढ़ और दतिया ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1000 से अधिक चल रही है। इंदौर में 12000, भोपाल 10000, ग्वालियर 8000 और जबलपुर 5000 से अधिक के साथ सबसे खतरनाक स्थिति में है।
मध्य प्रदेश के 6 जिले जहां स्थिति नियंत्रण में है
आगर मालवा, बुरहानपुर, भिंड, श्योपुर, खंडवा और छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है। इनमें से खंडवा एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक्टिव केस की संख्या 200 से कम है। निश्चित रूप से इन जिलों में कलेक्टर एवं तमाम कोरोना कंट्रोल टीम सफलतापूर्वक काम कर रही है। यह सभी अभिवादन के पात्र हैं।
MADHYA PRADESH COVID19 UPDATE NEWS 23 APRIL 2021
मध्यप्रदेश में हर रोज 10,000 से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं परंतु उनके घर एवं आसपास के इलाकों को सैनिटाइज नहीं किया जा रहा।
होम आइसोलेशन वाले मरीजों को मेडिकल किट देने के निर्देश तो जारी हुए हैं परंतु ज्यादातर जिलों में वितरण नहीं हो रहा।
पूरा सिस्टम ऐसे बनाया गया है कि सारी दवाइयां और दूसरी चीजें सिर्फ अस्पताल तक पहुंच रही है। मरीजों को मिल रही है या नहीं इसकी जांच कोई नहीं कर रहा।
मध्यप्रदेश में माफिया सक्रिय हो चुका है। इंदौर से नकली इंजेक्शन बनाकर सप्लाई किए जा रहे हैं।
ग्वालियर में इंदौर की दवा कंपनी का मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव गिरफ्तार किया गया है जो कंपनी द्वारा दिए गए रेडमेसिवीर इंजेक्शन को अपने सीनियर के आदेशानुसार ब्लैक में बेच रहा था। पुलिस ने रासुका की कार्रवाई नहीं की है क्योंकि मामला हाईप्रोफाइल हो गया है।
विदिशा में कोरोनावायरस के मरीजों के शव एंबुलेंस में इस कदर भरकर ले जाए गए कि रास्ते में ओवरलोड होने के कारण एक शव नीचे गिर गया।
भोपाल में एम्स अस्पताल के बाहर नोटिस लगा दिया गया है। गार्ड कोरोनावायरस से संबंधित मरीजों को अंदर नहीं जाने दे रहा। जेपी हॉस्पिटल वाले हमीदिया रेफर कर देते हैं और हमीदिया में डॉक्टर बात नहीं करता। वार्डबॉय बाहर से ही भगा देता है।
खबरों का खंडन करने से पहले सरकार चाहे तो मीडिया के साथ सारी व्यवस्थाओं का ओपन ट्रायल कर सकती है।