भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा आज जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन के अनुसार उन जिलों की संख्या 7 से बढ़कर 8 हो गई है जहां अच्छा काम हो रहा है और पॉजिटिविटी रेट तेजी से कम हुई है। यहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है लेकिन खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या भी 26 से बढ़कर 27 हो गई है। यह चिंता को बढ़ाने वाली बात है। मध्य प्रदेश का ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट अभी भी 24% से अधिक है। जबकि 2.5% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
मध्य प्रदेश सबसे खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या 27
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, खरगोन, रतलाम, बैतूल, रीवा, विदिशा, बड़वानी, सतना, होशंगाबाद, शिवपुरी, कटनी, बालाघाट, शहडोल, राजगढ़, सीहोर, रायसेन, मुरैना, शाजापुर, सिंगरौली, सीधी, टीकमगढ़ और पन्ना ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1000 से अधिक चल रही है। इंदौर में 13000, भोपाल 9000, ग्वालियर 7000 और जबलपुर 5000 से अधिक के साथ सबसे खतरनाक स्थिति में है।
मध्य प्रदेश के 8 जिले जहां स्थिति नियंत्रण में है
खंडवा, श्योपुर, छिंदवाड़ा, देवास, अशोकनगर, हरदा, भिंड और बुरहानपुर मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है। इनमें से खंडवा एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक्टिव केस की संख्या 200 से कम है। निश्चित रूप से इन जिलों में कलेक्टर एवं तमाम कोरोना कंट्रोल टीम सफलतापूर्वक काम कर रही है। यह सभी अभिवादन के पात्र हैं।
MADHYA PRADESH COVID19 UPDATE NEWS 22 APRIL 2021
सीहोर जिले के सरकारी अस्पताल के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। दरवाजे पर नोटिस लगा दिया गया है कि 'सारे बेड फुल हैं। यानी नए मरीजों की एंट्री बंद।' इसके साथ ही पुलिस तैनात कर दी गई है। यह गलत बात है। महामारी के समय निशुल्क इलाज भारतीय नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। सरकारी अस्पताल में इस तरह का नोटिस गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
भोपाल में गोविंदपुरा स्थित भारती एयर प्रॉडक्ट की क्षमता 900 सिलेंडर रिफिल करने की है। यहां ऑक्सजीन के लिए भीड़ उमड़ रही है। कई बार हंगामा भी हुआ है। इसके चलते पुलिस बुलानी पड़ी।
राजधानी भोपाल के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर बताया है कि कुछ लोगों ने जरूरत ना होने के बावजूद ऑक्सीजन के सिलेंडर लेकर घर में रिजर्व कर लिए हैं। महामारी के समय ऐसा करना गंभीर अपराध है।
गुजरात से मध्य प्रदेश के सागर मेडिकल में जा रहे हैं ऑक्सीजन के सिलेंडर को रायसेन में रोककर आधा खाली करवा दिया गया। इसके कारण सागर में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है।
बालाघाट की बेटी डॉ प्रज्ञा घरड़े कि लोग मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं क्योंकि नक्सली क्षेत्र होने के बावजूद 250 किलोमीटर स्कूटी चला कर डॉ प्रज्ञा नागपुर कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए पहुंच गई है।
इंदौर में 97 साल की वृद्ध महिला श्रीमती शांति दुबे स्वस्थ हो गई है। उनके फेफड़ों में 80% इंफेक्शन बताया गया था। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी बचने की 1% भी संभावना नहीं है।
शहडोल मेडिकल में अपर कलेक्टर अमित वर्मा कोरोनावायरस से संबंधित मामले देख रहे हैं। उनकी मां आईसीयू में भर्ती है और इसके कारण उनकी पत्नी घर में आइसोलेशन में है। बावजूद इसके अर्पित वर्मा अपने कर्तव्य पर निरंतर उपस्थित है।
मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि ऑक्सीजन की काफी किल्लत है जबकि ऑक्सीजन के प्रबंध के लिए प्रभारी कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद भदौरिया का कहना है कि डिमांड से ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विश्वास सारंग का कहना है कि कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर ग्रामीण क्षेत्रों पर पहुंच गई है और यह काफी चिंताजनक है।
BHEL BHOPAL में 200 से ज्यादा कर्मचारी कोरोनावायरस से संक्रमित हैं एवं 12 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।
मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि 23000 में से 12572 ग्राम पंचायतों ने 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। शेष 10239 ग्राम पंचायत में भी जल्द ही जनता कर्फ्यू का ऐलान कर देंगी।
इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भी बोर्ड लगाकर मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। महामारी के समय अस्पतालों के बाहर इस तरह के बोर्ड लगाना संविधान के विरुद्ध गंभीर अपराध है।