MP CORONA: 8 जिले जहां श्मशान में लाशों के ढेर नहीं, जिंदगी की उम्मीद है - UPDATE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से मात्र 8 जिले ऐसे हैं जहां के श्मशान घाटों में लाशों के ढेर नजर नहीं आते बल्कि जिंदगी की उम्मीद है। सिर्फ 8 जिले से हैं चाहा रहने वाले लोग यह विश्वास कर सकते हैं कि यदि वह कोरोनावायरस से संक्रमित हुए तो उन्हें अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और इंजेक्शन मिल जाएगा। जबकि 29 जिले ऐसे हैं जहां मानवता और मान्यताएं नजर नहीं आती। लाशों की होली सी जलती नजर आती है। अंतिम संस्कार भी पुराणों में वर्णित विधिपूर्वक नहीं हो पा रहे हैं। 

मध्य प्रदेश में सबसे खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या 29  

इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, खरगोन, रतलाम, रीवा, बैतूल, विदिशा, धार, सतना, होशंगाबाद, शिवपुरी, कटनी, शहडोल, बालाघाट, सीहोर, झाबुआ, रायसेन, राजगढ़, मुरैना, दमोह, सिंगरौली, सीधी, सिवनी, टीकमगढ़ और दतिया ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1000 से अधिक चल रही है। इंदौर में 12000, भोपाल 12000, ग्वालियर 9000 और जबलपुर 5000 से अधिक के साथ सबसे खतरनाक स्थिति में है। 

मध्य प्रदेश के 8 जिले जहां स्थिति नियंत्रण में है (2 जिले बढ़ गए)

आगर मालवा, बुरहानपुर, भिंड, श्योपुर, हरदा, खंडवा, देवास और छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है। इनमें से बुरहानपुर एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक्टिव केस की संख्या 200 से कम है। निश्चित रूप से इन जिलों में कलेक्टर एवं तमाम कोरोना कंट्रोल टीम सफलतापूर्वक काम कर रही है। यह सभी अभिवादन के पात्र हैं।

MADHYA PRADESH COVID19 UPDATE NEWS 26 APRIL 2021 

- ग्वालियर के जयारोग्य चिकित्सालय में एक महिला शिक्षक की मौत हो गई। जब भर्ती कराया था तो उसका ऑक्सीजन लेवल 88 था। प्राइवेट अस्पताल से सरकारी अस्पताल में इस उम्मीद के साथ लाए थे कि ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। 
- जबलपुर के शुभम हॉस्पिटल में बिजली की सप्लाई डिस्कनेक्ट हो जाने के कारण एक महिला की मौत हो गई। अस्पताल का जनरेटर खटारा था। लाइट जाने पर चालू ही नहीं हुआ। 
- उज्जैन में 5 दिन के अंदर एक महिला और उसकी दो बेटियों की मौत हो गई। एमपीईबी से रिटायर्ड कर्मचारी रंजन जोशी की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। परिवार में अब सिर्फ एक बेटा बचा है।
- मुरैना के सरकारी अस्पताल में 20 मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई बंद रही। इस दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई। 
- भोपाल के चिरायु अस्पताल में डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच जमकर मारपीट हुई। परिजनों का आरोप है कि जनरल वार्ड के पलंग के लिए प्राइवेट डीलक्स रूम का पैसा लिया जा रहा है। 
- ग्वालियर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा को मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के घर के बाहर धरना देना पड़ा। ग्वालियर में उन सभी लोगों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन दिया जा रहा है जो श्रीमंत महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया से सोशल मीडिया पर निवेदन करते हैं।
- उमरिया जिले में 'कुरकुचा' नाम का एक गांव ऐसा है जहां ग्रामीणों ने जनता कर्फ्यू लगा रखा है। कारण इस गांव में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है। ग्रामीण सरकारी अमले को भी गांव में नहीं आने दे रहे। 
- मुरैना के जिला चिकित्सालय में दरवाजे पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है। 
- इंदौर के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में भर्ती एक मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ होने से पहले ही बिस्तर से उठा कर भगा दिया गया। सुबह उसकी लाश अस्पताल के बाहर पड़ी पाई गई। 
- 9000 से ज्यादा एक्टिव के सो जाने के बावजूद ग्वालियर कलेक्टर का कहना है कि धैर्य रखें, हालात काबू में आ जाएंगे। 
- रीवा और सतना के बीच ऑक्सीजन को लेकर राजनीतिक एवं प्रशासनिक लड़ाई शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि रीवा में सतना से ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है। 
- भोपाल कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने कहा कि 150 अस्पतालों के लिए हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है। 

MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 26 APRIL 2021 DISTRICT WISE STATUS LIST





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