भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में विकास कार्य रोककर उनका पैसा कोरोनावायरस के कंट्रोल में लगाने के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश के योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। जिलों के कलेक्टर अब अपने हिसाब से खर्चा करने के लिए स्वतंत्र हैं, उन्हें केवल स्थानीय विधायक की अनुशंसा प्राप्त करनी होगी।
मध्यप्रदेश के कलेक्टरों के नाम जारी गाइडलाइन के अनुसार के अनुसार डॉक्टरों और मेडिकल अमले की सहूलियत के लिये जिला कलेक्टर अब इन्फ्रारेड थर्मोमीटर, कोविड नियंत्रण में जुटे मेडिकल अमले के लिये पीपीई किट, कोरोना टेस्टिंग किट, आईसीयू वेंटीलेटर, आइसोलेशन या कोरेंटाइन वार्ड स्थापित करने, पैरा मेडिकल अमले के लिए मास्क, दस्ताने और सेनीटाइजर और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाये गये अन्य मेडिकल उपकरण या मशीन उपलब्ध कराने में खर्च कर सकेंगे। जिस विधानसभा क्षेत्र में ऐसी व्यवस्थाएँ करना जरूरी होगा वहाँ के संबंधित विधायकों की अनुसंशा इसके लिये जरूरी होगी।
यह व्यवस्था सिर्फ वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये की गई है। व्यय की अनुमति एक बार के लिये होगी। किसी भी परिस्थिति में कोई भी व्यय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत नहीं किया जायेगा। राज्य शासन ने इस प्रकार की व्यवस्थाएँ करने के लिये उपयोग में आने वाली राशि की शर्ते एवं मापदंड लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अनुमति मदों के अनुसार होंगी। शर्तों के अनुसार स्वीकृत राशि और इसके खर्च करने एवं सामग्री खरीदने के बाद अभिलेख संधारण की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की होगी।