भोपाल। डिजिटल इंडिया में जब लोग जिंदा रहने के लिए टोटके और तांत्रिक क्रियाएं करने लगे तो यह मान लेना चाहिए कि सरकार 100% फेल हो गई है। मध्य प्रदेश के आगर मालवा में जब सरकार की दवा गतिविधियां कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने में असफल साबित हुई दो ग्रामीणों ने कोरोनावायरस को भगाने के लिए टोटके करना शुरू कर दिया।
आगर मालवा एक देहाती क्षेत्र है परंतु यहां के लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहते हैं। कोरोनावायरस की पहली लहर से लेकर अब तक आगर मालवा में केवल 1763 नागरिक संक्रमित हुए जिनमें से मात्र 16 नागरिकों की मृत्यु हुई। इससे ज्यादा संख्या तो फाइव स्टार अस्पतालों वाले इंदौर में भूल-चूक, लेनी-देनी में समायोजित हो जाती है। दूसरी लहर के दौरान जब आगर मालवा में एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक (569) हो गई तो ग्रामीणों ने कोरोनावायरस को मारने का अपना तरीका निकाल लिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है एक वीडियो गणेशपुरा गांव का बताया जा रहा है। यहां भगवान श्री राम के मंदिर पर एक व्यक्ति ने मशाल जलाई और जोर से चिल्लाया 'भाग कोरोना भाग' इसके बाद हर घर से 1-1 व्यक्ति मशाल लेकर निकला और भाग कोरोना भाग चिल्लाते हुए गांव की सीमा तक जा पहुंचे। यहां सभी लोगों ने अपनी-अपनी मशाल गांव की सीमा के बाहर फेंक दी। फिर बिना मुड़े सीधे अपने घर आए और सो गए।
ग्रामीणों ने कहा कि उनके बुजुर्गों ने बताया है कि गांव में जब भी कोई महामारी आती थी, तब उसका नाम लेकर रविवार और बुधवार की रात में लोग मशाल लेकर दौड़ते थे। इस मशाल को गांव के बाहर किसी निर्जन स्थान पर फेंक दिया जाता था, जिसके बाद महामारी का प्रकोप गांव से हट जाता था। गणेशपुरा के ग्रामीणों के मुताबिक कोरोना वायरस भी महामारी है, जिसे गांव से भगाने के लिए उन्होंने इस टोटके का सहारा लिया।