भोपाल। मध्य प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। बड़े शहर हों या फिर छोटे शहर, अस्पतालों में स्टॉफ की भरी कमी है। इसे देखते हुए सरकार ने किन्हीं वजह से निलंबित नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टॉफ को बहाल करने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह हाल ही में इंटर्नशिप पूरी कर चुके 186 डॉक्टर्स, जिन्होंने डयूटी ज्वाइंन नहीं की है, उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी है। कोरोना के एक्टिव केस 90 हजार पहुंच गए हैं।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मई माह के पहले और दूसरे सप्ताह में कोरोना के केस देश में लगभग 7 लाख प्रतििदन होने का अनुमान केंद्र सरकार ने लगाया है, उसके हिसाब से मध्य प्रदेश में अस्पतालों में स्टॉप की आपूर्ति बड़ी चुनौती है। इसको ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों के साथ ही नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए अब स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने निलंबित कर्मचारियों को बहाल कर कोरोना मे ड्यूटी लगाने का आदेश दिया है।
त्रिपाठी द्वारा सभी रीजनल डायरेक्टर्स को भेजे आदेश में निलंबित तृतीय श्रेणी कर्मचारियों नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, कम्पाउंडर, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर (रिश्वत लेते हुए ट्रेप हुए और व्यापमं में लंबित कर्मचारियों को छोड़कर) को तत्काल बहाल करने को कहा है। इसके साथ ही मैदानी कर्मचारियों एएनएम, एमपीडब्ल्यू, पर्यवेक्षक, बीईई को बहाल कर कोरोना मरीजों के इलाज संबंधी सेवाओं में ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।
बांड धारक डॉक्टर्स को ज्वाइनिंग का आदेश, नहीं करने कार्यवाही होगी
कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण अस्पतालों में बिस्तर, वेंटिलेटर और इलाज के लिए डॉक्टर्स की कमी पडना शुरू हो गई है। इसके चलते भोपाल इंदौर के सरकारी कॉलेजों में इंटर्नशिप पूरी करने वाले 235 डॉक्टर्स को ज्वाइन करने के लिए आदेश जारी हुए है। इसके बावजूद इसमें से 186 डॉक्टर्स (79%) कोरोना के बढते हुए संक्रमण में ड्यूटी करने से बच रहे है।