भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार एक बार फिर वैसे ही स्थिति में आ गई है जैसे सन 2016-18 में थी। सरकार के रणनीतिकार इतने योग्य और विद्वान है कि लगभग हर कदम पर विरोधियों को कोई ना कोई मौका दे ही देते हैं। एक टीवी इंटरव्यू में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि विरोधी उन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं, सवाल यह है कि विरोधियों का अवसर कौन प्रदान कर रहा है।
सोशल मीडिया पर सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा है
प्रदेश के मुख्यमंत्री का एक-एक मिनट महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए तो उन्हें जनता के पैसों से तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती है। महामारी के संकट काल में जब मुख्यमंत्री का पूरा समय लोगों की जान बचाने के लिए भी बीतना चाहिए था, शिवराज सिंह चौहान कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों को योग से निरोग बनाने के लिए बाबा रविशंकर से निवेदन कर रहे थे। यहां तक कि ठीक था परंतु लोग समझ नहीं पा रहे, सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि 2 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्जदार मध्य प्रदेश के सरकारी खजाने से पैसा खर्च करके सड़क किनारे होर्डिंग लगाने से क्या फायदा होगा। कर्फ्यू के समय देखने देखने के लिए कौन आएगा।
लोग 48 घंटे में मर रहे हैं, 'योग से निरोग' करके दिखाओ
वर्तमान संकट काल में जबकि कोरोनावायरस कई लोगों को 48 घंटे का समय नहीं दे रहा, अस्पतालों में लाशों और श्मशान घाटों में चिताओं की गिनती नहीं हो पा रही है, तब लोगों की जान बचाने के लिए इंजेक्शन और ऑक्सीजन की जरूरत है। ऐसी स्थिति में 'योग से निरोग' की जरूरत ही क्या है। जब सबकुछ सामान्य हो जाएगा तो कोरोनावायरस की तीसरी लहर से बचने के लिए 'योग से निरोग' का बड़ा अभियान चलाएं। करोड़ों खर्च करें। कोई सवाल नहीं करेगा।