भोपाल। वीर सपूत सूर्यप्रकाश येड़े बालाघाट में शहीद हो गए। वह बालाघाट के जंगल में लगी आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थे। जंगल की आग से संघर्ष करते हुए उनकी श्वास नली और फेफड़ों में मनुष्य की सामान्य क्षमता से बहुत अधिक धुआं भर गया था। इसी इंफेक्शन के कारण उनकी मौत हो गई।
सूर्यप्रकाश येड़े की शहादत का किसी को पता ही नहीं था
दुखद बात यह है कि सूर्य प्रकाश की शहादत का किसी को पता ही नहीं था। प्रोटोकॉल के अनुसार वन विभाग के आला अधिकारियों को इसकी सूचना मुख्यमंत्री को देनी चाहिए थी परंतु ऐसा नहीं हुआ। IFS Association ने इस मामले की जानकारी दी तब कहीं जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने सिर्फ शोक व्यक्त किया
मध्य प्रदेश वन विभाग के सिपाही (फॉरेस्ट गार्ड) सूर्यप्रकाश येड़े उस समय जंगल की आग से लड़ रहे थे जबकि सभी लोग अपनी जान बचाकर भाग गए थे। एक वीर योद्धा की तरह अंतिम सांस तक वह जंगल को बचाने के लिए लड़ते रहे। प्रकृति और पर्यावरण को बचाने वाले वीर सपूत के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ शोक व्यक्त किया है।
बालाघाट में पदस्थ फॉरेस्ट गार्ड श्री सूर्यप्रकाश येड़े ने आज जंगलों में लगी आग बुझाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की क्षमता दें, यही प्रार्थना है। https://t.co/ueGfptV43R
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 12, 2021