जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एक बार फिर शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया विवादित हो गई है। उम्मीदवारों का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन के निर्धारित आरक्षण नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछड़ा वर्ग को 27% और सामान्य वर्ग के निर्धन उम्मीदवारों को 10% आरक्षण के आदेश जारी किए हैं परंतु रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी का मैनेजमेंट नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
RDVV भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन
रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, लेक्चर और रीडर के पदों पर भर्ती होनी है। इसके लिए रोस्टर तैयार किया गया है। पिछले दिनों यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर आरक्षण संबंधी नियम अपलोड हुए है। जिसमें पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण का लाभ दिया गया है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (EWS) के लोगों को 10% आरक्षण देने संबंधी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग में भर्ती के नियम
स्कूल शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों की भर्ती में पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण दिया जा रहा है। इस संबंध में न्यायालय में प्रकरण लंबित है। जहां 27% और 14% आरक्षण को लेकर निर्णय होना है। ऐसे में सामान्य प्रशासन विभाग से आरक्षण की स्थिति में फिलहाल 27% ही पिछड़ा वर्ग को निर्णय आने तक आरक्षण यथावत माना है। वहीं वर्ष 2019 के बाद से होने वाली सभी भर्ती में 10% EWS आरक्षण लागू करने का नियम है जिसे प्रशासन ने लागू नहीं किया हैं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि पुराने रिक्त पदों पर यह नियम लागू नहीं होता है जबकि अन्य दूसरे विभागों में सामान रूप से इस नियम को लागू किया गया है।
शिक्षकों की भर्ती नियम में गलती होगी तो ठीक करेंगे: कुलसचिव
रादुविवि में इससे पहले भी भर्तियों को लेकर कवायद हुई लेकिन तकनीकी नियमों में उलझने की वजह ये प्रक्रिया अधूरी रह गई। अभी भी शुरुआती रूप से खामियां आने के बाद आवेदक इस संबंध में कानूनी सलाह लेने में जुट गए है। इस संबंध में कुलसचिव दीपेश मिश्रा का कहना है कि नियम के तहत ही पूरी प्रक्रिया होगी यदि किसी तरह की कोई खामी होगी तो उसमें संशोधन किया जाएगा।