भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक भोपाल, इंदौर, उज्जैन व देवास को छोड़कर अन्य जिलों में 50% इंजेक्शन आवंटन का कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं। इसी तरह अनुबंधित अस्पताल से कोई राशि नहीं ली जाएगी, जबकि प्राइवेट अस्पताल से प्राप्त राशि ( प्रति इंजेक्शन 1568 रुपए) रेडक्राॅस में जमा कराई जाएगी।
वर्तमान में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से की जा रही है। इसमें 50% चिकित्सा शिक्षा और 50% स्वास्थ्य विभाग को दिया जा रहा है। लेकिन नई गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाले 50% डोज का जिला अस्पताल तथा शेष आपूर्ति इंदौर, भोपाल, देवास और उज्जैन को छोड़कर अन्य जिलों के प्राइवेट अस्पताल को कलेक्टर के माध्यम से वितरित किए जाएंगे। बुधवार की शाम को 10 हजार इंजेक्शन प्राप्त हुए। जिन्हें गुुरुवार को हवाई जहाज और हेलिकाॅप्टर के माध्यम से जिलों में पहुंचाए गए। इसके अलावा निजी अस्पताल अपने स्त्रोतों से इंजेक्शन मंगवा रहे हैं।
नई गाइड लाइन
स्वास्थ्य विभाग को 50% इंजेक्शन की आपूर्ति हो रही है। उसका आधा हिस्सा जिला अस्पताल और शेष आपूर्ति इंदौर, भोपाल, देवास और उज्जैन को छोड़कर अन्य जिलों के प्राइवेट अस्पताल को कलेक्टर के माध्यम से वितरित किए जाएंगे।
प्राइवेट अस्पताल को इंजेक्शन देने का आधार उनके पास ICU/HDU की ऑक्यूपेंसी का शत-प्रतिशत एवं ऑक्सीजन बेड की ऑक्यूपेंसी का 15% रहेगी।
कलेक्टर इंजेक्शन का आवंटन आवश्यकतानुसार भी कर सकेंगे। इससे प्राप्त राशि को रेडक्रास में जमा की जाएगी।
इंदौर, उज्जैन, देवास और भोपाल के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त इंजेक्शन की आपूर्ति का आधा शासकीय अस्पताल और शेष आधा अनुबंधित एवं प्राइवेट अस्पतालों को दी जाएगी।
अनुबंधित अस्पताल से कोई राशि नहीं ली जाएगी। जबकि प्राइवेट अस्पताल से प्राप्त राशि को रेडक्राॅस में जमा कराया जाएगा।
इन चारों जिलों में भी अनुबंधित व प्राइवेट अस्पताल को इंजेक्शन देने का आधार उनके पास ICU/HDU की ऑक्यूपेंसी का शत-प्रतिशत एवं ऑक्सीजन बेड की ऑक्यूपेंसी का 15% रहेगी।